वाशिंगटन: जब भी दो न्यूक्लियर क्षमता वाले देशों में युद्ध या तनाव होता है तो पूरी दुनिया परमाणु बमों से डर जाती है। पूरी दुनिया को इस बात कर डर होता है कि कोई भी देश गलती से न्यूक्लियर मिसाइल न फायर कर दे। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर न्यूक्लियर बम से दुनिया इतना क्यों डरती है। एक न्यूक्लियर बन किसी भी शहर को पूरी तरह तबाह कर सकता है। वहां रहने वाले सभी लोगों को मारने के लिए न्यूक्लियर बम पर्याप्त है।
यानी एक बम करोड़ों लोगों को मार सकता है। वहीं अगर रूस और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर युद्ध हो जाए तो मान लीजिए कि कई करोड़ लोगों की जान जाएगी। न्यूक्लियर बम के फटने से बहुत बड़ी मात्रा में गर्मी और रेडिएशन निकलता है। न्यूक्लियर बम के फटने के सिर्फ 10 सेकंड में ही ये आग का गोला बन जाता है। फटने के बाद आसमान से दूर रेडियोएक्टिव कचरा गिरता है जो आसपास के इलाकों में रेडिएशन फैलाता है।
भाप बन कर उड़ जाएंगे इंसान
जब न्यूक्लियर बम फटता है तो उसके आसपास मौजूद लोगों को भागने का मौका भी नहीं मिलता। बम फटने के 10 सेकंड के अंदर ग्राउंड जीरो पर मौजूद लोग भाप बन कर उड़ जाएंगे। बम फटने के बाद कई सौ किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली शॉकवेव निकलेगी जो रास्ते में आने वाली हर चीज को तबाह कर देगी। बम अपने दो किलोमीटर की परिधि की हर बिल्डिंग को गिरा देगा। सिर्फ वही इमारतें बचेंगी जो बेहद मजबूत होंगी।
जो इसकी चपेट में सीधे नहीं आए उन्हें फेफड़े की समस्या, कान के पर्दे फटना या अंदरूनी चोट होती है। इसके अलावा लोगों को बिल्डिंग गिरने, पत्थर ये शीशों के उड़ने से चोट लगेगी। बम से निकलने वाली गर्मी से हवा गर्म हो जाएगी, जिससे हर चीज आग पकड़ लेगी। वहीं, लोगों की खाल बुरी तरह जल जाएगी। इस दौरान सबसे बुरी बात ये रहेगी कि लोग चाहेंगे कि स्वास्थ्य सुविधा उन्हें मिले लेकिन इतने बड़े हमले में अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाएं भी खत्म हो गई होगी। इसी लिए दुनिया चाहती है कि कभी न्यूक्लिर वार न हो।