फतेहपुर. यूपी के फतेहपुर जिले में सात महीने पहले चर्च में हुए सामूहिक धर्मांतरण के मामले में अब यूपी एटीएस ने जांच शुरू कर दी है. यूपी एटीएस ने धर्मांतरण के मामले में फंडिंग के नेटवर्क को खंगालना शुरू कर दिया है. धर्मांतरण के आरोपियों के बैंक खातों की डिटेल खंगाली गई है. टीम धर्मांतरण में नामजद 36 आरोपियों में से 31 के बैंक खातों की डिटेल अपने साथ ले गई है. एटीएस की रडार पर शहर का सीपीएस स्कूल भी है. हाल ही में स्कूल की महिला टीचर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जबकि दूसरा आरोपी टीचर अभी भी फरार है. सूत्रों की माने तो एटीएस एक पुलिस अधिकारी की भूमिका की भी जांच कर रही है. एटीएस की पूछताछ के बाद चर्चा है कि ईसाई-मिशनरी के एक रसूखदार व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद कार्रवाई में शिथिलता बरती गई. हालांकि जांच के बाद मामले के कई अहम तथ्य भी सामने आ सकते हैं.
जानकारी के मुताबिक थाना कोतवाली क्षेत्र के हरिहरगंज स्थित इवेजलिकल चर्च आफ इंडिया में सामूहिक धर्मांतरण का मामला 15 अप्रैल को सामने आया था. वीएचपी और बजरंगदल के हंगामे के बाद तत्कालीन सीओ सिटी डीसी मिश्रा ने खुद मजिस्ट्रेट के मौजूदगी में पुलिस टीम के साथ चर्च में छापेमारी की थी. छापेमारी में चर्च से बड़ी रकम के साथ ही सैकड़ों लोग मिले थे. वीएचपी का आरोप था कि गरीबों को पैसों का लालच देकर जबरन धर्मांतरण कराया गया है. जिसके बाद 15 अप्रैल की ही रात मुकदमा दर्ज किया गया. मामले में 36 नामजद और 20 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था.
पादरी समेत 14 असरोपि जेल में हैं
मौजूदा समय में पादरी विजय मसीह, विनय कुमार सहित 14 आरोपियों को पुलिस जेल भेज चुकी है. चर्च में बाकी नामजद लोग देहरादून, दिल्ली, लखनऊ, बिहार सहित कई राज्यों और शहरों के रहने वाले हैं. मामले में बुधवार को कोतवाली पहुंची एटीएस ने सभी नामजद आरोपियों की डिटेल खंगाली थी. पुलिस सूत्रों की मानें तो एटीएस को 31 नामजद आरोपियों के बैंक खाते, पासबुक व बैंक से संबंधित कागजात हाथ लगे हैं. एटीएस की राडार पर अभी चर्च के करीब 50 और लोग हैं. इसमें वह लोग भी शामिल हैं जो प्रार्थना सभा में जुटते हैं. ऐसे लोगों से भी पूछताछ के बाद उनके खातों की जांच कराई जा रही है. शुक्रवार को भी एटीएस की टीम फतेहपुर पहुंची और देर रात चर्च, मिशनरी के अस्पतालों और स्कूलों की स्टाफ की गतिविधियों की जांच की.