देहरादून : उत्तराखंड में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति और निवेश को बढ़ावा देने के लिए 100 बेड क्षमता का आयुष ग्राम स्थापित किया जाएगा। इसके लिए केरल की आर्य वैद्यशाला ने राज्य में आयुष ग्राम बनाने पर सहमति जताई है। कार्यों के लिए आयुर्वेद विश्वविद्यालय के साथ एमओयू भी किया जाएगा।
राज्य को आयुष हब बनाने की दिशा में हाल ही में आयुर्वेद क्षेत्र में काम रही केरल की आर्य वैद्यशाला के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(सेनि.), मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पांडेय के साथ बैठक कर आयुर्वेद को बढ़ावा देने के रोडमैप पर विस्तार से चर्चा की।
राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को पंचकर्म, मर्म चिकित्सा को बढ़ावा देने और प्रचार प्रसार को प्राथमिकता देने की बात कही। साथ ही दैनिक जीवन में सगंध पौध व जड़ी बूटी के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 179 से अधिक एरोमा और 200 से अधिक जड़ी बूटी पाई जाती है। सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने आर्य वैद्यशाला के प्रतिनिधियों को राज्य में आयुष क्षेत्र की गतिविधियों व भावी योजनाओं की जानकारी दी।
आर्य वैद्यशाला के सीईओ डॉ. जीसी गोपाला पिल्लई ने आयुर्वेद क्षेत्र से जुड़े वेलनेस शब्द की जगह वेलबीइंग का प्रयोग करने का सुझाव दिया। सरकार व आयुष विभाग को आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियों के प्रचार के लिए रणनीति पर काम करने की जरूरत है।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने हरिद्वार स्थिति ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेद कॉलेज का दौरा किया। राज्य के साथ मिलकर आयुर्वेद पर शोध कार्यों के लिए विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करने पर सहमति जताई। इस मौके पर आर्य वैद्यशाला के ट्रस्टी डॉ. पी माधवन कुट्टी, डॉ. के मुरलीधरन, शैलजा माधवन, प्रदेश के आयुर्वेद निदेशक प्रो. अरूण कुमार त्रिपाठी आदि मौजूद थे।