मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
ऋषिकेश। किसान कुंदन सिंह कोरंगा बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र से आये हैं. मूल रूप से वे कपकोट के शामा के रहने वाले हैं. मुनि की रेती में चल रहे तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में अपने उप्तादों को लेकर आये हैं. लेकिन सबसे आकर्षण का केंद्र कीवी है. हर कोई कीवी के बारे जानना छह रहा है. जिसकी मार्किट में काफी अच्छी मांग है. अपने कई उत्पादों के साथ वे मुनि की रेती पहुंचे हैं. सबसे आकर्षण का केंद्र कीवी है. जो सामान्य तौर पर बाजार में जो साइज मिलता है उससे काफी बड़ी है. डेंगू की बिमारी में भी कीवी की काफी मांग रहती है. ऐसे में कपकोट जैसे क्षेत्र से लाये गए उत्पादों की काफी मांग हो रही है महोत्सव में. लोग खरीदना चाहते हैं लेकिन काफी आइटम्स प्रदर्शनी के लिए लाये गए हैं बेचने के लिए नहीं.लेकिन महोत्सव में हर कोई ‘कुंदन दाज्यू की कीवी’ से प्रसिद्द हो गए हैं कुंदन सिंह कोरंगा. उनका कहना है हर कोई मांग कर रहा है बागेश्वर की कीवी का.
कीवी चार प्रकार की बतायी कुंदन सिंह कोरंगा ने. हेवर्ड, मंटो,ब्रूनो और एडिसन. लेकिन हेवर्ड बेस्ट क्वालिटी मानी जाती है. कीवी से कुंदन ने स्क्वैश, कीवी कैंडी, कीवी जैम और कीवी की चटनी तक बना दी है. ये सब उत्पाद वे ले कर आये हैं. इसके अलावा कुंडा बनास जूस, लौकी, कद्दू, चूख, गलगल, मिर्च,धनिया, प्याज, लस्सान, मटर, करेला, हल्दी, गीठी, आलू, बड़ी इलायची, बैगन, मूली, शलजम, बंद गोबी इत्यादि उत्पाद लाये हैं. ये सब आपको बागेश्वर के स्टाल में मिल सकते हैं. कुछ खरीद सकते हैं कुछ प्रदर्शनी के लिए लाये गए हैं. कुंदन सिंह कोरंगा काफी मेहनती किसान हैं यह उनके उत्पादों को देख कर साफ़ लग रहा था.
कीवी (वैज्ञानिक नाम- एक्टीनीडिया डेलीसिओसा) देखने में हल्का भूरा, रोएदार व आयताकार, रूप में चीकू फल की तरह का फल होता है। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। किवी एक विशेष प्रकार का स्वादिष्ट फल होता है। किवी अपने सुंदर रंग के लिए लोगो में अधिक पसंद किया जा रहा है। किवी में विटामिन सी, विटामिन इ, विटामिन के और प्रचुर मात्रा में पोटैशियम, फोलेट होते है। किवी फल में अधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है यानि शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है।
किवी के पोषक तत्व-
कीवी में उच्च मात्रा में विटामिन सी एव अच्छी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन ई, पोटेशियम पॉलिटेक्निक, कॉपर, सोडियम, रोगो से बचाने वाले एंटीऑक्सीडेंट होते है। शरीर के इलेक्ट्रॉन बनाने के लिए फायदेमंद रहती है। रोग प्रतिरोधक छमता होती है जिस ब्यक्ति को डेंगू मलेरिया या फिर इंफेक्सम की बीमारी हो यह फल बहुत लाभदायक होता है।
किवी के स्वास्थ्य लाभ-
नींद के लिए :- किवी प्राकृतिक एंजाइमों से भरपूर भरा हुआ रहता है। यह नींद को अच्छा रखने में मदद करता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाये रखने में और नींद नहीं आने की समस्या को दूर करने में सहायता करता है। किवी फल में उच्च मात्रा में सेरोटोनिन होते है। यदि आपको अनिद्रा की समस्या है तो किवी फल का सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता है।
वजन घटाने के लिए :- किवी में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होते है। जो शरीर में वसा की मात्रा को बढ़ने नहीं देते है। इसके कारण शरीर का वजन नहीं बढ़ता है। जिन व्यक्तियों को अपना वजन कम करना है तो उनको किवी का सेवन रोजाना करना चाहिए।
रक्त चाप कम करने के लिए :- किवी में कई तरह के विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट तत्व के गुण होते है। जो शरीर के रक्त चाप को नियंत्रण करने में सहायता करते है। रक्त चाप के मरीजों को आहार में किवी फल का सेवन करना चाहिए।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए :- किवी के एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत रखने में सहायता करता है। जिसके कारण शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिले यानि वह व्यक्ति जल्दी बीमार नहीं होता है।
आंखो के लिए :- किवी फल बहुत गुणों से भरा हुआ रहता है। रोजाना किवी का सेवन करने आंखो की रौशनी शक्ति बढ़ती है। आंखो से जुडी समस्या को ठीक करने में सहायता करता है।
यह मूल रूप से चीन की पैदावार हैं। आज भी पूरे विश्व का 56% किवी फल के उत्पादन का श्रेय चीन को जाता है। एक फल का वजन 40 से 50 ग्राम तक होता है।
इस फल की खेती बागेश्वर जिले के कपकोट, शामा, नैनीताल जिले के रामगढ़, धारी, भीमताल, ओखलकांडा, लमगड़ा, मुक्तेश्वर, नथुवाखान, तत्तापानी आदि क्षेत्रों के लिए लाभदायक सिद्ध हुई है। मसूड़ों के लिए भी लाभदायक है।
नगर पालिका ने भी लगाई खाद की स्टॉल-
अंतराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला की ओर से जैविक खाद के पैकेटों की स्टॉल लगाई गई है। अधिशासी अधिकारी बीपी भट्ट ने बताया कि इस खाद को घरों से निकलने वाले जैविक कूड़ें फलों, सब्जियों आदि से तैयार किया गया है। उन्होंने बताया इस खाद को घरों में खेतों, गमले आदि में आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। उचित मूल्य पर यह पालिका के काउंटर से प्राप्त की जा सकती है।
विशेषज्ञों ने दी उत्पादन और पैकेजिंग की जानकारी मसाला और सब्जी महोत्सव में-
उत्तराखंड के पहले तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में दूसरे दिन पांच तकनीकी सत्र संपन्न हुए। जिसमें देशी-विदेशी वक्ताओं व विभिन्न शोध संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने प्रतिभाग कर मसाला एवं सब्जी की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन, प्रसंस्करण व पैकेजिंग में नवीनतम तकनीकी के सम्बन्ध में अपने अनुभवों को साझा किया। दूसरे दिन का प्रथम सत्र आलोक गुप्ता अध्यक्ष, सुरभि फाउन्डेशन नई दिल्ली एवं रिर्पाेटियर डा0 सुरेश राम उपनिदेशक हेमवती नन्दन सहायक विकास अधिकारी की अध्यक्षता में हुआ। इसमें निदेशक आईसीएआर-एनआरसीएसएस अजमेर डॉ एसएन सक्सैना, निदेशक आईसीएआर-सीआईपीएचटी लुधियाना डॉ नचिकेत आदि ने मूल्यवर्धन तकनीक, बाजार व्यवस्था पर जानकारी दी। द्वितीय सत्र उत्तराखंड उद्यान विभाग के निदेशक डॉ एचएस बवेजा की अध्यक्षता में हुआ। इसमें न्यूयार्क से आई सलाहकार अदिति चौहान, सचिन अवस्थाी आदि ने भाग की खेती और उसके औषधीय उपयोगों के बारे में जानकारी दी। तृतीय सत्र में विदेशी वक्ताओं(रूस, आस्ट्रिया, अमेरिका, सिंगापुर आदि) ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। इसमें उन्होंने मसालों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के विषय पर चर्चा की। चतुर्थ सत्र में वक्ताओं ने विभिन्न प्रकार के प्रयोगों के माध्यम से डिजिटल उपयोगिता के बारे में बताया। अंतिम सत्र पर्यावरण विज्ञान की प्रोफेसर डॉ परमिन्द्र कौर की अध्यक्षता में हुआ। इसमें वक्ताओं, संबंधित विभागीय अधिकारियों और कृषकों ने कृषि विषय पर सामूहिक रूप विचार-विमर्श किया गया। किसानों को सब्जी एवं मसालों के उत्पादन में आ रही कठिनाईयों का समाधान करते हुए सत्र का समापन किया गया।
मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, ऋषिकेश मंडी अध्यक्ष विनोद कुकरेती, क्रेजी फेडरेशन अध्यक्ष मनीष डिमरी, सभासद मनोज बिष्ट, सफाई निरीक्षक भूपेंद्र सिंह पंवार उत्तराखंड उद्यान विभाग के समस्त अधिकारी, प्रगतिशील कास्तकार, उद्यमी उपस्थित रहे।