नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 19 मई को 2000 रुपये के नोट को परिचलन से बंद करने के फैसले के बाद देश के बैंकों में कैश बढ़ गया था जिसे कंट्रोल करने के लिए आरबीआई ने इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेश्यो (ICRR) लागू किया था जो अब कल यानी शनिवार से चरणबद्ध तरीके से बंद होगा।
आरबीआई ने आज क्या लिया फैसला?
आज की घोषणा में, केंद्रीय बैंक ने आईसीआरआर को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की पुष्टि की। फैसले के मुताबिक आईसीआरआर 7 अक्टूबर तक पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।
इससे पहले, शनिवार 9 सितंबर को ICRR को 25 प्रतिशत से कम किया जाएगा। इसके बाद 23 सितंबर को ICRR का 25 फीसदी और हटा दिया जाएगा। बाकी का 50 प्रतिशत 7 अक्टूबर को हटाया जाएगा।
क्या है आईसीआरआर?
इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेश्यो (ICRR) से पहले आपको सीआरआर यानी कैश रिजर्व रेश्यो के बारे में जानना चाहिए। सीआरआर आरबीआई के मौद्रिक नीति उपकरण का हिस्सा है। इसका लक्ष्य सिस्टम में नकदी की आपूर्ति और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है।जब भी बैंक में नकदी का भंडार तेजी से बढ़ जाता है। इस स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व बैंक सीआरआर के साथ अतिरिक्त आईसीआरआर शुरू करती है। आईसीआरआर, सीआरआर के ऊपर कैश रिजर्व लिमिट होती है
जो जमा के आकार में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाती है। इस वजह से बैंकों को रिजर्व बैंक में पहले से ज्यादा नकदी रखनी होती है।
बैंक पर क्या पड़ेगा इसका इसका असर?
जैसा हमने अभी आपको बताया कि आईसीआरआर के कारण बैंकों को आरबीआई को पास ज्यादा कैश जमा करवाना पड़ता है जिससे बैंकों के पास लोन देने के लिए कम पैसा बचता है। ऐसे में अगर आईसीआरआर खत्म हो जाएगी तो बैंकों को उनका पैसा मिल जाएगा जिससे बैंक ज्यादा लोन दे पाएंगें। कुल मिला कर यह फैसला बैंको को राहत पहुंचाएगा।
बैंक में वापस आए अब तक इतने नोट
19 मई को चलन में रहे 2000 रुपये के 93 फीसदी नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं जिनकी अगस्त 2023 तक कीमत 3.32 लाख करोड़ रुपये है।