रोक के बावजूद रेलवे स्टेशन पर प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों की बिक्री हो रही है। रेल प्रशासन ने नमूने फेल होने पर सैंडविच समेत तीन खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाई थी। उसके बाद भी रेलवे स्टेशन पर कैंटीन व स्टाॅलों पर इन खाद्य पदार्थों की बिक्री खुलेआम की जा रही है। लेकिन, रेलवे के अधिकारी सबकुछ जानते हुए हुए भी अनजान बने हुए हैं।
भारत सरकार की मोबाइल खाद्य प्रयोगशाला की टीम ने एक सप्ताह पूर्व रेलवे स्टेशन पर बिकने वाले 29 प्रकार के खाद्य पदार्थों के नमूने लिए थे। जिनकी जांच कराई गई थी। जांच में 21 खाद्य पदार्थ मानक के अनुरूप पाए गए थे और वह खाने योग्य भी थे। लेकिन, इनमें आठ नमूने में फेल हो गए थे। जिसमें सैंडविच, सुगंधित दूध व मैंगो जूस में हानिकारक रंग मिला हुआ पाया गया। इसकी जांच रिपोर्ट टीम ने रेलवे प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग को भी भेजी थी।
मंडल रेल प्रशासन ने भी रिपोर्ट मिलने के बाद रेलवे स्टेशन पर लगे वाले स्टाॅल व अन्य दुकानों से सैंडविच, सुगंधित दूध व मैंगो जूस की बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी थी। इसकी पड़ताल करने के लिए अमृत विचार की टीम शनिवार को रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो चौकाने वाला सच सामने आया। पड़ताल में पता चला कि रेलवे प्रशासन की ओर से रोक के बाद भी स्टेशन पर बनी कैंटीन व अन्य प्लेटफार्मों पर लगे स्टाॅलों पर सैंडविच, सुगंधित दूध व मैंगों जूस की बिक्री हो की जा रही है। जिसमे रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आई है। लेकिन, जिम्मेदार अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं।
दुकानदार मनमाने तरीके से बेचते हैं खाद्य पदार्थ
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत रेलवे स्टेशन परिसर में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की नियमित जांच करने का अधिकार उत्तर रेलवे दिल्ली के खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पास है। लेकिन, दिल्ली के अधिकारी जांच करने रेलवे स्टेशन पर नहीं आते हैं, जिसके चलते दुकानदार मनमाने तरीके से खाद्य पदार्थों की बिक्री करते हैं। यही वजह है कि पाबंदी के बाद भी रेलवे स्टेशन पर सैंडविच समेत अन्य प्रतिबंधित खाद्य पदार्थ की बिक्री हो रही है।