मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
ऋषिकेश: वन बिभाग ने तारीफ लायक काम किया है. इसमें कोई शक नहीं है. मामला पौड़ी जिले के रिखणीखाल ब्लॉक के टकोली गांव का है। यह क्षेत्र कोटद्वार में पड़ता है. जहां 9 जून को एक युवक जितेंद्र सिंह बिष्ट पुत्र बलवीर सिंह बिष्ट जंगल में अपनी बकरियां चराने गया था। इसी दौरान भालू ने युवक पर हमला कर दिया। जिसमें युवक बुरी तरह घायल हो गया। जिसके बाद युवक का इलाज कोटद्वार के बेस अस्पताल में किया गया। लेकिन हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों द्वारा युवक को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया।
पर्वतीय क्षेत्र में वन्य जीव और मानव के बीच संघर्ष लगातार होता रहता है. हालाँकि इस संघर्ष से को कम करने के लिए वन बिभाग ने कई योजनाएं बनायी लेकिन फिर भी घटनाएं होती रहती हैं. उसी क्रम में यह घटना भी हुई. यहाँ पर भी बकरी चरा रहे युवक पर भालू ने हमला कर दिया था। जिसके इलाज के लिए वन विभाग ने तुरंत घायल युवक के इलाज के लिए 35 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। इसके बाद घायल युवक के परिजनों और रिखणीखाल विकास समिति ने वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री डॉक्टर हरक सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड के प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी को आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु निर्देशित भी किया गया था. जिसके बाद उच्च अधिकारियों के आदेश पर ऋषिकेश वन क्षेत्राधिकारी (रेंजर) महेंद्र सिंह रावत द्वारा घायल युवक के भाई प्रदीप बिष्ट को 35 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई एम्स में । वहीं पीड़ित परिवार से अन्य समस्याओं को लेकर भी संपर्क करने के लिए कहा है। जिसके बाद युवक के परिजनों ने वन विभाग का आभार भी जताया है।
मामले में प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) राजीव धीमान ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष में घायल लोगों को वन विभाग द्वारा राहत राशि तुरंत दी जा रही है। साथ ही कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष कम से कम हो, इसके लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है।