नई दिल्ली: एक तरफ पाकिस्तान तो दूसरी तरफ चीन, अपने दो दुश्मन पड़ोसियों से भारत हमेशा परेशान रहा है. दोनों देशों को कई बार सबक सिखाने के बाद भी इनकी ना तो अक्ल ठिकाने आई और ना ही इन्हें शर्म आती है. अब नॉर्थ ईस्ट मीडिया के हवाले से चीनी फौज की एक घुसपैठ की खबर से सबको हैरान किया है. भारतीय फौज के हाथों पिट चुकी चीनी सेना (PLA) क्या फिर से बॉर्डर वाली साजिश रच रही है. हालांकि, चीनी सेना द्वारा घुसपैठ किए जाने की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने खारिज किया है और कहा है कि अनिर्धारित स्थानों पर केवल निशान बनाने का मतलब यह नहीं है कि उन क्षेत्रों में अतिक्रमण किया गया है.
अलाव और चीनी खाने पीने का सामान मिलने का दावा
दरअसल, दावा किया जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश के कपापू इलाके में भारतीय क्षेत्र में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने घुसपैठ की है. ईटानगर से सामने आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, PLA अरुणाचल में भारतीय क्षेत्र में कम से कम 60 किलोमीटर अंदर तक घुस आया है. घुसपैठ वाली जगह पर अलाव, स्प्रे-पेंट की गई चट्टानें और चीनी खाने पीने का सामान मिलने का दावा किया गया है. साथ ही मीडिया रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि PLA की ये घुसपैठ करीब एक सप्ताह पहले हुई थी. अरुणाचल प्रदेश की मीडिया की तरफ से जारी की गई तस्वीर में एक चट्टान पर स्प्रे पेंट से साल 2024 के साथ साथ कुछ चिन्ह भी बने नजर आ रहे हैं.
सरकार ने दावों को किया खारिज
हालांकि, नॉर्थ ईस्ट मीडिया के इस दावे को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सिरे खारिज कर दिया है. अरुणाचल प्रदेश के निवासी रिजिजू ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर अनिर्धारित क्षेत्रों में भारतीय और चीनी सैनिक गश्त के लिए कई बार एक ही जगह पर पहुंच जाते हैं, लेकिन यह ऐसी चीज नहीं है कि भारतीय क्षेत्र पर अतिक्रमण हो जाए. रिजिजू ने कहा, ‘चीन हमारी जमीन नहीं ले सकता. अनिर्धारित क्षेत्रों में गश्त के लिए दोनों देशों के सैनिक कई बार एक ही जगह पहुंच जाते हैं. उन्हें कोई स्थायी निर्माण करने की अनुमति नहीं है. हमारी तरफ से कड़ी निगरानी है. अनिर्धारित स्थानों पर केवल निशान बना देने का मतलब यह नहीं है कि उन क्षेत्रों पर अतिक्रमण कर लिया गया है.’
चीन ने फिर की ये गलती तो भुगतनी होगी सजा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सीमा पर बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है और यह जारी रहेगा. नया घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच लद्दाख में अप्रैल 2020 से गतिरोध जारी है. भारत और चीन के बीच लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक 3,400 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है. चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना क्षेत्र बताता रहा है. भारत इन दावों को ‘बेतुका’ और ‘हास्यास्पद’ बताकर खारिज करता रहा . चीन की कायर पीएलए को दुनिया जानती है. हिंदुस्तान की फौज के हाथों पिट चुके चीनी सैनिक साजिश की प्लानिंग तो कर सकते हैं, लेकिन इतना तय है कि अगर चीन ने साजिश का एक भी कदम बढ़ाया तो PLA सैनिकों की गितनी कम होने में वक्त नहीं लगेगा.