मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
कोलकाता/देहरादून: बंगाल में ‘जीत का रसगुल्ला’ किसे मिलेगा ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. लेकिन इससे पहले हम आज जानेंगे बीजपुर विधानसभा सीट के बारे में. वर्तमान में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे सुभ्रांशु रॉय, बीजपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं.शुभ्रांशु कद्दावर नेता मुकुल रॉय के बेटे हैं. इससे पहले वे तृणमूल कांग्रेस में थे और उसी पार्टी से विधायक बने थे.पिछले विधान सभा चुनाव में उन्होंने डॉ रबींद्र नाथ मुखर्जी को 47954 वोटों को अंतर से हराया था. सुभ्रांशु रॉय को कुल 76842 और डॉ रबींद्र नाथ मुखर्जी को 28888 वोट प्राप्त हुए थे. इस बार राय के भाजपा में आने से यह सीट का चुनाव और दिलचस्प हो गया है. वहीँ भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है इस सीट के लिए. देश के अलग अलग जगहों से संघ से लेकर भाजपा के कार्यकर्त्ता पहुंचे हैं बंगाल.
ऋषिकेश से भी पूर्व राज्य मंत्री कृष्ण कुमार सिंघल पहुंचे बंगाल :
ऋषिकेश से भी पूर्व राज्य मंत्री कृष्ण कुमार सिंघल बंगाल पहुँच चुके हैं. बीजपुर विधानसभा सीट के उनको प्रवासी अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. जो एक अहम जिम्मेदारी मानी जाती है स्थानीय चुनाव में. उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी भी हैं. कृष्ण कुमार सिंघल 5 अप्रैल को बंगाल आये ऋषिकेश से. 22 अप्रैल को चुनाव है बीजपुर विधानसभा सीट का. इस सीट पर लगभग 2 लाख 70 हजार मतदाता हैं. ऐसे में जैसे जैसे चुनाव आगे जा रहा है बंगाल में चुनावी तापमान बढ़ता जा रहा है.
कृष्ण कुमार सिंघल से बात की तो उन्होंने बताया इस सीट को जीत रही है भाजपा. राय एक मजबूत कद्द्वार नेता हैं. हम कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं और बंगाल में इस बार भाजपा सरकार बना रही है. टीएमसी हिंसा का सहारा ले रही है जो ठीक नहीं है लोकतंत्र में. सिंघल को ख़ास रणनीतिकार माना जाता है चुनाव में. वह पुराने संघ के कायर्कर्ता भी हैं. इस सीट बहुत कुछ उन पर भी निर्भर है. उन्होंने बताया पांच दिन पहले सारंगी जी और हमने एक शुभचिंतक के यहाँ दिन का भोजन किया और केंद्र प्रमुखों की बैठक ली गयी. फिर दिन का भोजन किया गया. दिन बाद टीएमसी के कायर्करतों के दवारा उस शुध्चिन्तक के मकान को दूकान को तोड़ दिया गया. कल यानी मंगलवार को एक रोड शो किया गया जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री प्रताप चाँद सारंगी और विधायक सुभ्रांशु राय उपस्थित रहे. वहीँ बुधवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पहुंची चुनाव प्रचार करने के लिए, भाजपा सांसद अर्जुन सिंह, बरिष्ठ भाजपा नेता मुकुल रॉय ने प्रयाशी सुभ्रांशु रॉय के समर्थन में रैली की और जनता से वोट मांगे.
बीजपुर विधानसभा सीट एक नजर :
साल 2021 पश्चिम बंगाल (West Bengal) के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस साल बंगाल में 294 सीटों पर विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2021) होने है, जिसका बिगुल बज चुका है. भारतीय जनता पार्टी (BJP)ने ममता के ‘गढ़’ में सेंध लगाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. अमित शाह समेत बीजेपी के कई नेता अब तक बंगाल में रैलियां कर चुकी है. वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी भी अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए डटकर विपक्षी पार्टियों का मुकाबला कर रही है. वर्तमान में टीएमसी के सुभ्रांशु रॉय, बीजपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. उन्होंने डॉ रबींद्र नाथ मुखर्जी को 47954 वोटों को अंतर से हराया था. सुभ्रांशु रॉय को कुल 76842 और डॉ रबींद्र नाथ मुखर्जी को 28888 वोट प्राप्त हुए थे. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजपुर विधानसभा सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 179608 थी, जिसमें से पुरुष मतदाता 92992 और महिला मतदाताओं की संख्या 86613 थी. विधानसभा चुनाव 2016 में बीजपुर विधानसभा सीट पर 69.51% वोटिंग हुई थी.
बंगाल में पिछले चुनाव में टीएमसी को मिली थीं 294 में से 211 सीटें-
पिछले दो बार से विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने शानदार प्रदर्शन किया. पिछले चुनाव में ममता की पार्टी टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटें जीतकर राज्य में बहुमत हासिल किया था और सरकार बनाई थी. सुभ्रांशु रॉय ही उम्मीदवार थे. इस बार वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 44 सीटें, लेफ्ट को 26 सीटें और बीजेपी को मात्र तीन सीटें हासिल हुई थीं. वहीं अन्य ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. 294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में बहुमत के लिए 148 सीटों की जरूरत होती है.
बंगाल में इस बार चुनाव ‘टीएमसी बनाम बीजेपी’:
पश्चिम बंगाल में इस बार का विधानसभा चुनाव बीजेपी बनाम टीएमसी होता दिखाई पड़ रहा है. तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. ममता बनर्जी दो बार लगातार राज्य में सरकार बनाने में सफल हो चुकी है. इस बार भाजपा ने ममता की हर नस को पकड़ कर रखा हुआ है. देखना होगा इस बार वह हैट्रिक लगा पाती है या नहीं. हालाँकि जानकार कह रहे हैं ममता को जमकर पसीना बहाना पड़ेगा. वहीँ बीजेपी ने भी पूरी ताकत चुनाव में झोंक दी है. पिछले चुनाव में महज तीन सीटों पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी से इस बार लोगों को काफी उम्मीदें हैं. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. इसी के आधार पर बीजेपी ने बंगाल के विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतने की बात कहकर हलचल मचा दी है. भाजपा ने होम वर्क काफी पहले से शुरू कर दिया था.
2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने तीन दशक से पश्चिम बंगाल की सत्ता में काबिज लेफ्ट का सफाया कर दिया था. वहीं साल 2016 के विधानसभा चुनाव में भी कुछ खास असर नहीं पाने वाली बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 42 में से 18 सीटें जीतकर सबको हैरान कर दिया था. वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी को बीजेपी से सिर्फ चार ज्यादा यानी 22 सीट मिलीं थी. पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में होंगे चुनाव हो रहे हैं. बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटें हैं. यह राज्य भले ही बहुत बड़ा न हो, लेकिन यहां की कानून व्यवस्था और राजनीतिक हिंसाओं के मद्देनजर यहां 8 चरणों में चुनाव कराया जा रहा है. ममता ने इसका भी विरोध किया था कि इतने चरणों में क्योँ चुनाव कराया जा रहा है. एक तरह से चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा दिया था.