नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। भाजपा-कांग्रेस दोनों ही जिताऊ उम्मीदवार के चयन को प्राथमिकता दे रही हैं। इस बीच कांग्रेस के आंतरिक सर्वे की खबर सामने आई है, जिसने अशोक गहलोत सरकार के कई मंत्रियों की नींद उड़ा दी है।
राजस्थान सरकार में मौजूदा मंत्रियों की धड़कन बढ़ने की वजह ये है कि पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में उनको जिताऊ उम्मीदवार समझेगी या नहीं? क्योंकि पिछले चुनावों के आंकड़े व कांग्रेस के आंतरिक सर्वे के नतीजे मंत्रियों की चिंता बढ़ाने वाले हैं।
200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा के बीते चार चुनावों में मंत्रियों की जीत का प्रतिशत महज 33 प्रतिशत रहा जबकि 67 फीसदी मंत्री चुनाव हारे हैं। राजस्थान विधानसभा के पिछले चार चुनावों में 106 नेताओं ने मंत्री पद पर रहते हुए भाग्य आजमाया था। इनमें से 71 मंत्री चुनाव हार गए थे।
साल 2003 से लेकर 2023 तक राजस्थान में दो बार कांग्रेस व दो बार भाजपा की सरकार रही है। वसुंधरा राजे सिंधिया व अशोक गहलोत बारी-बारी से सीएम रहे हैं। इस बार कांग्रेस राजस्थान में हर पांच साल बाद सत्ता परिवर्तन की परिपाटी को बदलने की कोशिशों में हैं। ऐसे में देखने वाली बात यह भी है कि कांग्रेस राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में गहलोत सरकार के कितने मंत्रियों का टिकट काटने का जोखिम उठाती है?
अशोक गहलोत सरकार के मंत्री हारे
वसुंधरा राजे ही नहीं बल्कि अशोक गहलोत सरकार के मंत्री भी चुनाव हार चुके हैं। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2003 में गहलोत सरकार के 19 मंत्री हारे थे। उनमें गुलाब सिंह शक्तावत, डॉ. कमला, खेत सिंह राठौड़, हरेन्द्र मिर्धा, माधवसिंह दीवान, डॉ. जितेन्द्र सिंह, इंदिरा मायाराम दिग्गज आदि नेता थे। वहीं, राजस्थान विधानसभा चुनाव 2013 में हारने वाले 24 मंत्रियों में बीना काक, शांति धारीवाल, हेमाराम, राजेंद्र पारीक, भरत सिंह, भंवरलाल मेघवाल, दुर्रू मियां आदि प्रमुख नाम थे।
वसुंधरा राजे सरकार के मंत्री हारे
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में वसुंधरा राजे सरकार के कई मंत्री हार गए थे। उनमें यूनुस खान, डॉ. रामप्रताप, प्रभुलाल सैनी, राजपाल सिंह शेखावत, अजय किलक, अरुण चतुर्वेदी, श्रीचंद कृपलानी व कृष्णेंद्र कौर दीपा जैसे दिग्गज नेता शामिल थे। जबकि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2003 में वसुंधरा राजे सरकार के हारने वाले मंत्रियों की सूची में प्रताप सिंह सिंघवी, सांवरलाल जाट, कनकमल कटारा व यूनुस खान आदि दिग्गज थे।
गहलोत सरकार के आठ मंत्रियों की हालत खस्ता
राजस्थान पत्रिका की एक खबर के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस की ओर से पिछले माह अलग-अलग स्तर पर कई सर्वे करवाए गए। सर्वे में पता लगा कि अशोक गहलोत सरकार के आधे से ज्यादा मंत्रियों की चुनाव जीतने की राह मुश्किल लग रही है। इनमें से 8 मंत्रियों की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है जबकि सात मंत्रियों को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है।