देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरुवार को जनपद देहरादून के विकासखण्ड सहसपुर के ग्राम गजियावाला में ‘‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’’ के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया एवं ग्राम्य विकास विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की शपथ दिलाई। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य केंद्र व राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने और उन्हें जागरूक करने के साथ-साथ अधिक से अधिक व्यक्तियों को लाभांवित करना है।
यह यात्रा लोगों के पास जाने, जागरूकता पैदा करने और स्वच्छता सुविधाओं, आवश्यक वित्तीय सेवाओं, बिजली कनेक्शन, एलपीजी सिलेंडर तक पहुँच, गरीबों के लिए आवास, खाद्य सुरक्षा, उचित पोषण, विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छ पेयजल जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने पर केंद्रित है।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने जनजातीय गौरव दिवस के दिन इस आईसी वैन को देहरादून जनपद हेतु रवाना किया था और आज जमीन पर इस यात्रा की प्रगति की जानकारी प्राप्त कर उन्हें सुखद अनुभूति हो रही है।
राज्यपाल ने कहा कि विकास की दृष्टि से वर्तमान परिदृश्य बदल चुका है, आज के समय में योजनाओं का निर्माण एवं क्रियान्वयन अंत्योदय के सिद्धांत को ध्यान में रखकर किया जाता है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा समस्त देश में अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ और उन्हें योजनाओं के संबंध में जागरूक कर रही है।
उन्होंने कहा कि हम सभी का कर्तव्य है कि सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाएं पात्र व्यक्ति तक अवश्य पहुंचे और वे लाभान्वित हों।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अमृत काल में जिन चार स्तंभों-नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसान और मध्यम वर्ग का जिक्र किया गया वह विकसित भारत, विश्व गुरु भारत और आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं उत्तराखण्ड की मातृशक्ति की जिजीविषा को अनुभव किया है।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं अपना और अपने परिवार के साथ-साथ प्रदेश का भी भला कर रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होने के नाते जब वे दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग करते हैं तो गोल्ड मेडल प्राप्त करने, पीएचडी और अन्य उपाधियों को प्राप्त करने वालों में सबसे अधिक सफल हमारी बेटियां ही है।
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने सभी स्टॉलों का निरीक्षण किया और सभी प्रदर्शनियां प्रशंसनीय थीं और उन्हें इस प्रदर्शनियों का मुख्य आकर्षण ‘‘किसान ड्रोन’’ लगा। उन्होंने कहा कि यह ड्रोन तकनीकी क्रांति का परिणाम है, इस ड्रोन का उपयोग कीटनाशक दवाएं और उर्वरकों के छिड़काव करने के साथ-साथ बीज बोने और फसल की निगरानी करने में किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह प्रयोग कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण अनुसंधान सिद्ध होगा। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान सदी तकनीक की सदी है और भारत ने इस सदी में वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज की है। उन्होंने कहा कि आज भारत में डिजिटल माध्यम से विश्व का सर्वाधिक वित्तीय लेनदेन होता है।
आज विभिन्न योजनाओं का वित्तीय लाभ लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधा भेजा जाता है। जिससे बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगी है। उन्होंने कहा कि हम को मिलकर इस यात्रा की सफलता के लिए कार्य करना है। इस अवसर पर ‘‘मेरी कहानी, मेरी जुबानी’’ कार्यक्रम के अंतर्गत 5 लाभार्थियों ने अपनी सफलता की कहानी सभी के साथ साझा की एवं ‘‘धरती कहे पुकार के’’ नामक नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रयास जागरूकता संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, आयुक्त कृषि आनंद स्वरूप, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चैहान, देहरादून की मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान एवं स्थानीय ग्राम प्रधान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।