नई दिल्ली l अब युद्धों में वही जीतेगा जो साइबर वॉरफेयर (में माहिर होगा. लड़ाई का सबसे बड़ा हथियार एक लैपटॉप होगा और किसी छोटे से कमरे में बैठा एक युवक किसी बड़ी सेना को मात दे देगा. भारतीय वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने साफ कर दिया कि भविष्य की लड़ाइयों के लिए भारतीय सेनाओं को बहुत तेजी से तैयार होना होगा. भविष्य की लड़ाइयों में दुश्मन की पहचान तक नहीं हो पाएगी.
पुराने ढंग से लड़ने का तरीका बदलना होगा
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा है कि नए हालात में हमें पुराने ढंग से लड़ने के तरीके बदलने होंगे. नए तरीके से सोचना होगा और नए हथियार तलाशने होंगे. दुनिया एक नेटवर्क से जुड़ रही है और कोई एक साइबर हमला हमारी पूरी कमान को बेकार कर सकता है. अगली लड़ाई में हमें पता ही नहीं चलेगा कि हम पर वार किसने किया या कौन हमारा दुश्मन है. भविष्य में कम्प्यूटर वायरस से लेकर अल्ट्रासोनिक मिसाइल तक नए हथियार होंगे और हमले सैनिक भिडंत से लेकर इंफॉर्मेशन ब्लैक आउट करने के लिए होंगे.
साइबर हमलों से सिस्टम्स बेकार किए जा सकते हैं
उन्होंने कहा कि दरअसल अब भारतीय सेनाएं कम से कम समय में सूचनाएं साझा करने और रणनीतियां बनाने के लिए कम्प्यूटर नेटवर्क पर आधारित सिस्टमों का इस्तेमाल करती हैं. जहां इस तरह के नेटवर्क काम बेहतर ढंग से करने का मौका देते हैं. वहीं, ये साइबर हमलों के सबसे आसान शिकार भी हैं. नए हथियार इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित होते हैं और कम्यूनिकेशन के लिए बहुत आधुनिक सिस्टम्स को इस्तेमाल करते हैं. ये सभी साइबर हमलों के निशाने पर होते हैं. साइबर हमलों से सिस्टम्स बेकार किए जा सकते हैं या उन्हें उनके काम से भटकाया जा सकता है.
साइबर वॉरफेयर की सबसे ज्यादा तैयारी
21 वीं शताब्दी की शुरुआत में साइबर वॉरफेयर की सबसे ज्यादा तैयारी चीन ने शुरू की थी. चीन ने अपने यहां वन मिलियन लैपटॉप वॉरियर का नारा दिया और तैयारी शुरू की. दुनिया में ज्यादातर कम्प्यूटर हार्डवेयर चीन से बनकर जाता है और इसी ने चीन को साइबर वॉरफेयर में बढ़त बनाने का मौका दिया. कई बड़ी कम्प्यूटर और इन्फॉर्मेशन से जुड़ी हुई चीनी कंपनियों का सीधा नियंत्रण चीन की सेना के पास है.
चीन युवाओं को बना रहा लैपटॉप वॉरियर
कई शहरों में चीनी सेना ने साइबर वॉरफेयर के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट शुरू किए, जहां युवाओं को लैपटॉप वॉरियर बनाना शुरू कर दिया. नतीजा ये है कि 2000 के पहले दशक में ही चीन ने अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा सहित कई देशों पर साइबर हमले किए. अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के मुताबिक चीन की हैकर आर्मी की तादाद पचास हजार से लेकर एक लाख हैकर्स तक है.
भारत भी कर रहा तैयारी
भारत ने साइबर वॉरफेयर के लिए 2019 में डिफेंस साइबर एजेंसी (DCA) की नींव रखी, जिसने 2021 में काम करना शुरू कर दिया. DCA की जिम्मेदारी साइबर हमलों से निपटना, जवाबी साइबर हमले करना और भविष्य के लिए साइबर रणनीति बनाना है.