नई दिल्ली। कांग्रेस में संगठन में बदलाव का सिलसिला जारी है। पार्टी में नए सचिवों की नियुक्ति के साथ कुछ राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त किए जाएंगे। इसमें तमिलनाडु, केरल, असम, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। कुछ डिपार्टमेंट्स के अध्यक्ष भी बदले जा सकते हैं, जिसमें एससी-एसटी डिपार्टमेंट भी शामिल है। सूत्रों के मुताबिक जिन चुनावी राज्यों में प्रभारी बदले गए हैं उन राज्यों के प्रदेशाध्यक्ष के बदलने की संभावना कम है।
कांग्रेस जिला अध्यक्षों को सौंप सकती है बड़ी जिम्मेदारी
जानकारी के अनुसार, बुनियादी बातों पर वापस लौटते हुए कांग्रेस पार्टी संगठन के निर्माण खंड जिला इकाइयों को प्रमुख निर्णय लेने का काम सौंपने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी को जिला कांग्रेस समितियों (डीसीसी) के इर्द-गिर्द पुनर्गठित करने के विचार पर पार्टी आलाकमान की बैठक में चर्चा की गई, जिसमें पदाधिकारियों को राज्य इकाइयों का प्रबंधन सौंपा गया। जबकि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने जिला इकाइयों पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही, जिसमें इसकी संरचना को मजबूत करने से लेकर वफादार कार्यकर्ताओं को बढ़ावा देना शामिल है।
उम्मीदवारों के चयन में जिला की सलाह महत्वपूर्ण होगी
सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर भविष्य का फैसला जिला कांग्रेस समितियों को अधिक महत्व देने के इर्द-गिर्द घूम सकता है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन में जिला इकाइयों को महत्वपूर्ण बना सकती है। जबकि वर्तमान प्रक्रिया में डीसीसी से सिफारिशें शुरू करना और फिर राज्य इकाइयों और फिर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) में जाना शामिल है।
कांग्रेस की मीटिंग में कुछ लोगों ने कहा कि एआईसीसी की ओर बदलाव होने से पहले 1960 के दशक में पार्टी जिलों के इर्द-गिर्द संगठित थी। इसके अलावा, जिला इकाइयों के नेतृत्व को रणनीति और अभियान में अधिक भूमिका मिल सकती है, क्योंकि पार्टी उनके सुझावों पर काम कर रही है।