नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बंद पड़ी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways) को जालान कलरॉक कंसोर्टियम को ट्रांसफर करने के एनसीएलएटी (NCLT) के फैसले को खारिज कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने जेट एयरवेज की समाधान योजना (Resolution Plan) को बरकरार रखने वाले NCLT के फैसले के खिलाफ SBI व अन्य लेनदारों की याचिका स्वीकार कर ली। उच्चतम न्यायालय ने अपने विशेष अधिकार का इस्तेमाल करते हुए बंद पड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, बंद पड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की परिसंपत्तियों को बेचने का गुरुवार (7 नवंबर 2024) को आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने और इसके स्वामित्व को जालान कलरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को ट्रांसफर करने को मंजूरी देने के राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) के फैसले को खारिज कर दिया।
बेंच की तरफ से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी (NCLT) के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य कर्जदारों की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है।
कोर्ट ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।