देहरादून : उत्तराखंड में UKPSC और UKSSC परीक्षा आयोगों में सुधार की मांग को लेकर अब भी प्रदर्शन जारी हैं. आज भी कई जिलों में बेरोजगार युवा प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हो रहे हैं. बेरोजगार संघ के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर एग्जाम पेपर लीक व्हिसल ब्लोअर और बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार के पैतृक टोले समेत जौनसार क्षेत्र के 27 गांव में बड़ा विरोध प्रदर्शन की बात कही गई है.
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल विरोधी कानून लागू करने की जानकारी दी थी जिसके बाद अब सीबीआई जांच की मांग तेज हुई है. युवाओं की गिरफ्तारी से बेरोजगारों में उबाल है. युवा जेल भेजे गए अपने साथियों को जल्द रिहा करने की भी मांग कर रहे हैं. इस बीच, पुलिस प्रशासन ने सभी आंदोलनकारियों से शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपील की है.
यूकेपीएससी और यूकेएसएससी आयोगों के अधिकारियों और कर्मचारियों की सीबीआई जांच को लेकर शुक्रवार को भी काफी बवाल हुआ था. प्रदर्शकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प, पत्थरबाजी और पुलिस का लाठीचार्ज हुआ था.
क्या है पूरा मामला
उत्तराखंड बेरोजगार संघ का आरोप है कि लोक सेवा चयन आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं में जमकर धांधली हो रही है. धांधली की वजह से सरकारी नौकरी की भर्ती परीक्षाएं निरस्त हो रही हैं. पुलिस, पटवारी, वन क्षेत्राधिकारी, आरओ, एआरओ, पीसीएस जे, प्रवक्ता एई, लोअर पीसीएस, अपर पीसीएस, जेई की परीक्षाएं दे चुके युवा अभी भी बेरोजगार घूम रहे हैं. ऐसे में आयोगों और परीक्षा नियंत्रकों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए. उत्तराखंड बेरोजगार संघ आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की जज की निगरानी में CBI जांच की मांग कर रहा है.
बुधवार को UKPSC और UKSSC परीक्षा आयोगों में सुधार की मांग को लेकर यूकेएसएससी के अभ्यर्थी बुधवार को देहरादून के गांधी पार्क में बेरोजगार संघ के साथ आंदोलन कर रहे थे. इस प्रदर्शन के दौरान बेरोज़गार संघ और उम्मीदवारों की पुलिस के साथ तीखी बहस हुई, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को बलपूर्वक वहां से हटाने की कोशिश की. एग्जाम पेपर लीक व्हिसल ब्लोअर और बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवांर पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और बॉबी को हिरासत में भी ले लिया.
सीएम ने की नकल विरोधी कानून की घोषणा
उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी नौकरियों में धांधली के आरोपों, परीक्षाएं रद्द होने की घटनाएं और प्रदर्शन के बाद नकल विरोधी कानून की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि आगामी परीक्षआएं नकल विरोधी अध्यादेश से आच्छादित होंगी जिसमें सख्त से सख्त कानून हैं.
10 करोड़ तक होगा जुर्माना
नियम के तहत, यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है, तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. अगर कोई शख्स संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षड़यंत्र करता है, तो भी आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
नकल करने पर भी होगी कार्रवाई
अगर कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है, तो उसके लिए 3 वर्ष के कारावास व न्यूनतम 5 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम 10 वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, 2 से 5 वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोष सिद्ध होने पर 10 वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है.