रायपुरः प्रदेश की मौजूदा बीजेपी सरकार ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है। बीजेपी का कहना है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के जरिए 5 करोड़ रुपए की राशि फर्जी किसानों तक पहुंची है। पूरा मामला कुछ इस तरह से बताया जा रहा है कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत बेरला तहसील के बारगांव में 1456 पात्र किसानों ने रजिस्ट्रेशन किया, जिसमें से 854 लोग फर्जी किसान बनकर इस योजना का लाभ उठाते हुए किस्त ले रहे हैं। इसकी शिकायत भाजपा जिला महामंत्री नरेंद्र वर्मा ने प्रदेश कार्यालय में की है। जिसके बाद इस पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित की गई है।
दरअसल, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं कि पिछली कांग्रेस की भूपेश सरकार के शासनकाल में 854 फर्जी किसान बनाकर प्रधानमंत्री सम्मान निधि के करोड़ों रुपए डकार ले गए। शर्मा का कहना है कि यह देश का पहला ऐसा मामला है जिसमें कांग्रेसियों ने फर्जी किसान खड़े कर दिए।
854 फर्जी किसानों ने डकारे 5 करोड़
शर्मा ने आगे कहा कि बेमेतरा जिले की बेरला तहसील के बारगांव में 1456 किसानों में 854 के फर्जी होने की शिकायत का सामने आना निश्चित ही गंभीर मामला है। ये फर्जी किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाले सालाना 6,000 रुपए लेकर केंद्र सरकार को चपत लगा रहे हैं। ऐसे किसानों को उस ग्राम के ग्रामीण ही नहीं जानते। इन फर्जी किसानों के न तो इस गांव में कोई मकान है और न ही उनके नाम पर कोई जमीन ही है। ये फर्जी किसान प. बंगाल के बताए गए हैं। इन फर्जी किसानों ने अभी तक 5 करोड़ रुपए की निधि की राशि ले चुके है।
भूपेश बघेल सरकार ने लोगों का हक मारा
बीजेपी प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि इस फर्जीवाड़े से यह आईने की तरह साफ हो गया है कि कांग्रेस की भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों का हक मारकर फर्जी लोगों को भुगतान करवाया और छत्तीसगढ़ के लोगों का हक मारा। कांग्रेस की पिछली प्रदेश सरकार ने किसानों के नाम पर खूब पाखंड रचाया, लेकिन उत्तरप्रदेश में जाकर 50-50 लाख रुपए का मुआवजा बाँटने वाली कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़िया किसानों के हित में कभी सोचा ही नहीं।
धोखेबाजों को सख्त सजा मिलनी चाहिए
भाजपा का कहना है कि अब कांग्रेस की पिछली सरकार के भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ों की तमाम काली करतूतें सामने आ रही हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के किसानों को नहीं मिलने देने के भूपेश सरकार ने तमाम शर्मनाक जतन किए। उन्होंने लाखों किसानों को इसके लाभ से वंचित रखने का साजिशाना उपक्रम किया। अब इस मामले में कार्रवाई के लिए गठित जांच टीम को इन तमाम पहलुओं पर गौर करके छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ हुए अन्याय का परिमार्जन करना चाहिए। इसके साथ ही इस फर्जीवाड़े के दोषियों को सलाखों के पीछे डालने में जरा भी हिचकिचाहट नहीं दिखाई जानी चाहिए।