लखनऊ: भाजपा सातवें चरण के चक्रव्यूह में अपने तीन सहयोगी दलों के दमखम का पूरा सदुपयोग करने में जुटी है। सहयोगी दलों के जातीय वोट एनडीए प्रत्याशियों को ट्रांसफर कराकर भाजपा इस चरण में बढ़त लेना चाहती है। ऐसे में सहयोगी अपना दल (एस), सुभासपा और निषाद पार्टी के नेताओं का असल इम्तिहान होने जा रहा है।
इस चरण की सीटों पर भाजपा और सहयोगियों द्वारा पूरी ताकत झोंकने का कारण इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी बने हुए हैं। इंडिया गठबंधन द्वारा भाजपा सहयोगियों की पैठ वाली जातियों से कई प्रत्याशी उतार दिए जाने से जातीय गोलबंदी मुश्किल हो गई है। कुर्मी, निषाद, राजभर तथा ओबीसी की अन्य जातियों में कई सीटों पर मतों का बिखराव होने के आसार बन गए हैं।
कुर्मियों को लामबंद करने की चुनौती अद (एस) के सामने
अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाले अपना दल (एस) की पकड़ पूर्वांचल में कुर्मियों में मानी जाती है। इस चरण की महाराजगंज, मिर्जापुर, वाराणसी, राबर्ट्सगंज तथा कुशीनगर सीट पर इस बिरादरी की तादाद अच्छी है। मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज सीट पर अद (एस) चुनाव मैदान में है। मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल जीत की तिकड़ी लगाने के लिए खुद मैदान में हैं। वहीं राबर्ट्सगंज से उन्होंने सांसद पकौड़ी लाल कोल की बहू रिंकी कोल को मैदान में उतारा है।
घोसी के आसपास बिरादरी बांधने का भार राजभर पर
सुभासपा पहली बार एनडीए गठबंधन के तहत लोकसभा के चुनाव मैदान में है। घोसी से पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के बड़े पुत्र अरविंद राजभर प्रत्याशी हैं। घोसी के अलावा इस पार्टी की मजबूत पकड़ राजभर बिरादरी में मानी जाती है। सलेमपुर, बलिया, घोसी, वाराणसी, कुशीनगर, गाजीपुर, चंदौली, गोरखपुर, देवरिया तथा मिर्जापुर में राजभर बिरादरी का वोट भाजपा प्रत्याशियों को ट्रांसफर कराने की चुनौती सुभासपा के सामने है।
गोरखपुर के आसपास संजय निषाद की परीक्षा
निषाद पार्टी भी एनडीए का हिस्सा है लेकिन इस पार्टी को अपने सिंबल पर चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला है। पार्टी अध्यक्ष प्रदेश सरकार में मंत्री डा. संजय निषाद के पुत्र सासंद प्रवीण निषाद को भाजपा ने संतकबीर नगर से मैदान में उतारा है। संतकबीर नगर में मतदान हो चुका है। अब डा. संजय निषाद और प्रवीण निषाद के समक्ष गोरखपुर, बांसगांव, मिर्जापुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, सलेमपुर, बलिया, घोसी में वोट एनडीए को दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है।