नई दिल्ली : रूस में रहने वाले भारतीयों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मॉस्को में एक सामुदायिक कार्यक्रम में कहा कि भारत और रूस चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारे पर काम कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार भी मौजूद थे।
पीएम मोदी ने कहा कि वे गंगा-वोल्गा संवाद के माध्यम से एक-दूसरे को जान रहे हैं। दो साल पहले, उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे से पहली वाणिज्यिक खेप भी यहाँ पहुँची थी और अब हम चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारे पर भी काम कर रहे हैं। हमारे दोनों देश गंगा वोल्गा संवाद और सभ्यता के माध्यम से एक-दूसरे को जान रहे हैं।
रूस से भारत का रास्ता होगा आसान
पीएम ने 2015 में रूस की अपनी यात्रा को याद किया और कहा कि उन्होंने तब कहा था कि 21वीं सदी भारत की सफलता और विकास की गवाह होगी। आज पूरी दुनिया यही मानती है और भारत की तरक्की को देख रही है। जब मैं 2015 में यहां आया था, तब मैंने कहा था कि 21वीं सदी भारत की होगी। सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञ और दिग्गज एक स्वर में कहते हैं कि भारत तेजी से तरक्की कर रहा है।
जब भी दुनिया संकट में आती है, तो भारत सबसे पहले वहां पहुंचता है- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ‘विश्व बंधु’ के रूप में भारत दुनिया को नया आत्मविश्वास दे रहा है। उन्होंने कहा, भारत की बढ़ती क्षमता ने पूरी दुनिया को स्थिरता और समृद्धि की उम्मीद दी है। भारत को नई, उभरती, बहुध्रुवीय, विश्व व्यवस्था के एक मजबूत स्तंभ के रूप में देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भी कोई देश संकट में आता है, तो भारत हमेशा सबसे पहले मदद करने वाला देश होता है। उन्होंने कहा, जब भारत शांति, संवाद और कूटनीति की बात करता है, तो पूरी दुनिया सुनती है। जब भी दुनिया संकट में आती है, तो भारत सबसे पहले वहां पहुंचता है।