देहरादून: आयुष्मान योजना के नियमों के फेर में फंसे मरीजों के लिए राहत के रास्ते की तलाश शुरू हो गई। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल को आयुष्मान सोसायटी के अफसरों से मंगलवार की बैठक के लिए समय मिल गया है। इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की गाइडलाइन पर चर्चा होगी।
नियमों के फेर में फंसने के कारण दून अस्पताल में न्यूरो, ऑर्थो, सर्जरी समेत तमाम महत्वपूर्ण विभागों में भर्ती मरीजों की एमआरआई और सीटी स्कैन जैसी महंगी जांचें ठप हो गई हैं। इससे मरीज परेशान हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने शुक्रवार के अंक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद प्रबंधन हरकत में आया।
शुक्रवार को दोबारा आयुष्मान सोसायटी से संपर्क किया गया। एमएस डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि आयुष्मान के नोडल अफसर ने बताया है कि मंगलवार का समय मिल गया है। इस बैठक में आयुष्मान को लेकर आ रही उलझन को दूर करने का रास्ता तलाशा जाएगा।
डॉक्टरों को थमाई आपत्तियों की सूची
आयुष्मान के जिन मामलों में आपत्ति है, आयुष्मान विंग की ओर से इस पर विभागवार चर्चा की जा रही है। शुक्रवार को टीबी और चेस्ट विभाग और गायनी में बैठक की गई। दोनों विभागों में लगी आपत्तियों की सूची डॉक्टरों को सौंपी गई। इनको जल्द दुरुस्त कराकर वापस करने को कहा गया।
रिजेक्ट मामलों पर होगी बात
आयुष्मान सोसायटी की ओर से साढ़े चार हजार मामले खारिज किए गए हैं। इससे दून अस्पताल को साढ़े पांच करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। लिहाजा, अब अस्पताल प्रबंधन मंगलवार की बैठक में इन मामलों का पुनरीक्षण करने का भी अनुरोध करने जा रहा है।