थोक महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है. सरकारी आंकड़े के मुताबिक, अक्टूबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर घटकर 8.39 प्रतिशत पर आ गई है. सितंबर में यह 10.7 प्रतिशत पर थी. सितंबर महीने में थोक महंगाई जहां दोहरे अंक में थी, वह अक्टूबर में गिरकर एक अंक में आ गई है. इस बार के आंकड़े ने 19 महीने का रिकॉर्ड तोड़ा है क्योंकि जो दर लगभग डेढ़ साल से दोहरे अंक में चल रही थी, अब वह एक अंक में आ गई है. अक्टूबर में थोक महंगाई 8.39 प्रतिशत पर आ गई है. अगर पिछले एक साल का रिकॉर्ड देखें तो अक्टूबर 2021 में यह 13.83 परसेंट रही थी. वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को थोक महंगाई का आंकड़ा जारी किया.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि थोक महंगाई में कमी इसलिए आई है क्योंकि मिनरल ऑयल, बेसिक मेटल, फैब्रीकेटेड मेटल प्रोडक्ट, टेक्सटाइल्स, मिनरल आदि के रेट में तेजी से गिरावट आई है. इसका फायदा थोक महंगाई दर में मिला है और अक्टूबर में यह गिरकर एक अंक में दर्ज की गई है. मुख्य चीजों की महंगाई अभी 11.04 परसेंट दर्ज की गई है जो ठीक एक साल पहले 7.38 परसेंट रही थी. इसी तरह खाने-पीने के सामानों की थोक महंगाई अक्टूबर 2021 की तुलना में अक्टूबर 2022 में 8.33 फीसद हो गई है.
कितनी मिली राहत
इसी तरह पिछले अक्टूबर से इस अक्टूबर तक सब्जियों के थोक भाव में भी तेजी देखी गई है. दूसरी ओर, कच्चे पेट्रोलियम और मिनरल गैस की थोक महंगाई में पिछले एक साल में थोड़ी नरमी आई है. पिछले अक्टूबर में कच्चे तेल और गैस की थोक महंगाई दर 86.36 परसेंट थी जो इस साल अक्टूबर में घटकर 43.57 परसेंट पर आ गई है.
अक्टूबर में बने-बनाए सामानों की महंगाई 4.42% रही, जो एक साल पहले की अवधि में 12.87% थी. ईंधन और बिजली की महंगाई दर अक्टूबर 2021 में 38.61% से घटकर 23.17% हो गई. इसके साथ ही भारत में थोक महंगाई दर लगातार 18 महीनों से दहाई अंकों में रहने का रिकॉर्ड टूट गया है. अक्टूबर 2022 के होलसेल महंगाई सूचकांक में माह-दर-माह परिवर्तन सितंबर 2022 की तुलना में 0.26% रहा.
भारतीय रिजर्व बैंक अपनी नीतिगत दरों की घोषणा के लिए खुदरा महंगाई की दर को पैमाना मानता है. खुदरा महंगाई की दर जारी होने वाली है. इसके बारे में अनुमान है कि यह 7 परसेंट से कम रह सकती है. इसी खुदरा महंगाई दर के आधार पर रिजर्व बैंक रेपो रेट का ऐलान करता है. मई से सितंबर तक रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 1.90 बेसिस पॉइंट तक का इजाफा किया है. अभी रेपो रेट 5.90 परसेंट है जो कि खुदरा महंगाई दर पर आधारित है. रेपो रेट में बढ़ोतरी इसलिए देखी जा रही है क्योंकि खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के टोलरेंस रेट (जिस रेट पर महंगाई स्थिर रहनी चाहिए) 6 परसेंट से ऊपर चल रही है.