नई दिल्ली: भारतीय जांच एजेंसियों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। दरअसल लश्कर ए तैयबा के एक बड़े मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी सलमान रहमान खान को इंटरपोल चैनलों के माध्यम से रवांडा से भारत लाया गया है। सीबीआई के माध्यम से एनआईए की टीम आतंकी को भारत लेकर पहुंची। बता दें कि आतंकी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आपराधिक साजिश करने, आतंकी संगठन का सदस्य होने, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धाराओं के तहत 2023 में सलमान के खिलाफ केस दर्ज किया था। लश्कर ए तैयबा का सदस्य होने के नाते उसने बेंगलुरी शहर में आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक उपलब्ध कराने में मदद की थी।
बेंगलुरू में दर्ज हुआ था केस
बेंगलुरू शहर के हेब्बल पुलिस स्टेशन में इसे लेकर साल 2023 में एक केस दर्ज किया गया था। एनआईए के अनुरोध पर सीबीआई ने 2 अगस्त 2024 को इंटरपोल से उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया। वॉन्टेड सलमान पर नजर रखने के लिए सभी देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इसकी जानकारी दी गई थी। बाद में इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो किगाली की मदद से सलमान को रवांडा में लोकेट किया गया। एनआईए की एक टीम द्वारा आतंकी को 28 नवंबर 2024 को भारत लाया गया। हाल ही में सीबीआई द्वारा वॉन्टेड आतंकी बरकत अली खान को इंटरपोल चैनलों के रिए सऊदी अरब में लोकेट किया गया था। 14 नवंबर 2024 को उसे सऊदी अरब से सीबीआई टीम द्वारा वापस भारत लाया गया था।
इंटरपोल की मदद से भारत लाए गए कई आतंकी
वह दंगे और विस्फोटक पदार्थों के इस्तेमाल के अपराध में 2012 से वॉन्टेड था। उसके खिलाफ सीबीआई ने 6 दिसंबर 2022 को इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था। सीबीआई ने रेहान अरबिककलालारिक्कल की वापसी को भी कॉर्डिनेट किया था। उसके खिलाफ मन्नारकड़ पुलिस स्टेशन, पट्टांबी, केरल में एक नाबालिग के खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न करने का मामला 2022 में दर्ज हुआ था। केरल पुलिस के अनुरोध पर सीबीआई ने 27 दिसंबर 2023 को रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया। इंटरपोल नेशनल सेंट्रल ब्यूरो रियाद की सहायता से उसे सऊदी अरब में लोकेट किया गया था। बाद में, केरल पुलिस की एक सुरक्षा टीम सऊदी अरब गई और 10 नवंबर 2024 को उसे लेकर वापस लौट आई।