Saturday, June 14, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home मुख्य खबर

भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला? हो गई 88,000 करोड़ रुपये की ‘डकैती’

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
17/06/23
in मुख्य खबर, राष्ट्रीय
भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला? हो गई 88,000 करोड़ रुपये की ‘डकैती’
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

नई दिल्ली : नासिक में सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में छपने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) तक पहुंचने में 500 रुपये के 1,550 मिलियन नए नोट रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए हैं, जिनकी कीमत करीब 88,032.5 करोड़ रुपये है. इतनी बड़ी रकम के गायब होने के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल खड़े हो गए हैं. यह दावा किसी हवाहवाई जानकारी नहीं बल्कि सूचना के अधिकार कानून (Right to Information Act) के तहत मिले ऑफिशियल डाटा के आधार पर किया जा रहा है.

RTI में मिली है क्या जानकारी

The Free Press Journal की रिपोर्ट के मुताबिक, आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय ने RTI के तहत नए नोट के गायब होने की जानकारी हासिल की है. इस जानकारी के मुताबिक, नासिक करेंसी नोट प्रेस (Mints) में अप्रैल 2015 से दिसंबर 2016 के बीच 500 रुपये के नए डिजाइन वाले 374.450 मिलियन नोट प्रिंट किए गए थे, लेकिन RBI को इनमें से 345 मिलियन नोट की ही डिलीवरी मिली है. पिछले महीने दिए गए एक अन्य RTI जवाब में नासिक प्रेस ने बताया है कि रघुराम राजन के RBI गवर्नर रहने के दौरान वित्त वर्ष 2015-16 में रिजर्व बैंक को नए डिजाइन के कुल 210 मिलियन नोट सप्लाई किए गए थे. हालांकि नासिक प्रेस की रिपोर्ट में जहां नए डिजाइन के 500 रुपये के नोट सप्लाई करने का जिक्र है, वहीं आरबीआई की करेंसी मैनेजमेंट पर पब्लिक डोमेन एनुअल रिपोर्ट में इन नोट की सप्लाई का जिक्र नहीं है. नासिक प्रेस ने आगे दी जानकारी में बताया है कि 2016-17 में आरबीआई को नए डिजाइन के 1,662 मिलियन नोट सप्लाई किए गए थे.

बेंगलूरु और देवास प्रेस के रिकॉर्ड में भी अंतर

2016-17 में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (R) लिमिटेड बेंगलूरु और बैंक नोट प्रेस देवास ने भी आरबीआई को नए डिजाइन के 500 रुपये के नोट सप्लाई किए थे. बेंगलूरु प्रेस ने 5195.65 मिलियन नोट, जबकि देवास प्रेस ने 1953 मिलियन नोट की सप्लाई अपने रिकॉर्ड में दर्ज की है.

आरबीआई कह रहा 7,260 मिलियन नोट ही मिले

नासिक, बेंगलूरु और देवास प्रेस से Indian Reserve Bank ने नए डिजाइन के 500 रुपये के कुल 7,260 मिलियन नोट ही मिलने का जिक्र अपने रिकॉर्ड में किया है. इस तरह से तीनों प्रेस के रिकॉर्ड में दर्ज 8,810.65 मिलियन नोट के मुकाबले आरबीआई तक करीब 1,550 मिलियन नोट कम पहुंचे हैं, जिनकी कीमत 88,032.5 करोड़ रुपये है. हालांकि Free Press Journal की तरफ से संपर्क करने पर RBI स्पॉक्सपर्सन या किसी अन्य अधिकारी ने इस मिसमैच को लेकर कोई भी कमेंट करने से इंकार कर दिया है.

CEIB और ED से की गई है शिकायत

आरटीआई एक्टिविस्ट मनोरंजन रॉय का कहना है कि इतनी बड़ी रकम के नोटों का अंतर कोई मजाक नहीं है बल्कि ये नोट भारतीय अर्थव्यवस्था और उसकी स्थिरता के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं. रॉय ने इस संभावित घोटाले की शिकायत सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (CEIB) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) से की है ताकि इसकी जांच हो सके. कुछ आरबीआई अधिकारियों ने बिना नाम जाहिर किए प्रिंटिंग प्रेस डाटा और आरबीआई रिकॉर्ड में इस अंतर का बचाव किया है.

एक और समस्या से जूझ रहा है केंद्रीय बैंक

केंद्रीय बैंक एक और समस्या से भी जूझ रहा है. दरअसल केंद्रीय बैंक के हिसाब से साल 1999 से 2010 के बीच जितने करेंसी नोट बाजार में मौजूद थे, उनसे करीब 339.95 मिलियन अतिरिक्त नोट उसके वॉल्ट में विभिन्न बैंकों में जमा रकम के जरिये वापस लौटे हैं. यह रकम सीधे तौर पर काला धन है, लेकिन नोट इतनी सफाई से छापे गए हैं कि सरकारी सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस में ही प्रिंट किए हुए लग रहे हैं. इस घोटाले की भी जांच की तैयारी चल रही है.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.