नई दिल्ली: बिहार के छात्रों को राज्य की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मिलने जा रही है. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में स्थित बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को मान्य दे दी है. यह मान्यता विश्वविद्यालय को यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 2(एफ) के तहत दी गई है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर बिहार के पहले स्पोर्ट्स अकादमी और बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का उद्घाटन किया था. यह विश्वविद्यालय राजगीर के इंटरनेशल स्पोर्ट्स कैंपस का हिस्सा है.
पूर्व IAS शिशिर सिन्हा को बनाया वाइस चांसलर
बीते शनिवार को विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, “बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, राजगीर को यूजीसी की धारा 2(एफ) के तहत मान्यता प्राप्त हो चुकी है. अब यह विश्वविद्यालय फिजिकल एजुकेशन और स्पोर्ट्स साइंस में ग्रेजुएशन और डिप्लोमा/पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम शुरू कर सकेगा.” विश्वविद्यालय अगले शैक्षणिक सत्र 2025-2026 से कई शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहा है. राज्य सरकार ने हाल ही में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शिशिर सिन्हा को बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का पहला कुलपति नियुक्त किया है.
कौन हैं पूर्व IAS शिशिर सिन्हा?
पूर्व आईएएस शिशिर सिन्हा बिहार कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं. उन्होंने 2018 में सेवा से वीआरएस ले लिया था. रिटायरमेंट से पहले वे विकास आयुक्त पद पर तैनात थे. हालांकि रिटायरमेंट के बाद भी वे सेवा देते रहे हैं. रिटायरमेंट के बाद उन्हें बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इसके बाद वे इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अथॉरिटी का चेयरमैन भी रह चुके हैं.
इन स्पोर्ट्स कोर्स में मिलेगा एडमिशन-
- दो या तीन खेलों में स्पोर्ट्स कोचिंग में डिप्लोमा/पीजी डिप्लोमा,
- योग में डिप्लोमा/पीजी डिप्लोमा,
- चार वर्षीय बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (बीपीएड), जो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) से मान्यता प्राप्त होने पर निर्भर है.
यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार, विश्वविद्यालय को छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए UGC (2023) के नियमों के तहत एक लोकपाल (Ombudsperson) की नियुक्ति करनी होगी. यह नियुक्ति एकेडमिक एक्टिविटीज शुरू होने के दो महीने के भीतर की जानी चाहिए.