आनंद अकेला।
- छत्रसाल स्टेडियम से आकर्षक भगवा परिधान से सजी भगवा यात्रा ने मोहा मन
- सीधी से माघ मेले में कल्पवास के लिए प्रयागराज निकली साध्वी
सीधी। देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे देंगे पर भारत तेरे टुकड़े होंगे गैंग को सफल नहीं होने देंगे। यह बात साध्वी प्राची ने भगवा यात्रा के दौरान आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कही।
छत्रसाल स्टेडियम में स्वामी विवेकानंद की 157वीं जयंती के अवसर पर हिन्दू जागरण मंच और अन्य धार्मिक संगठनों द्वारा आयोजित भगवा यात्रा समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि साध्वी प्राची और संगठन के विशिष्ट प्रतिनिधियों द्वारा स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पण और दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए दुर्गावाहिनी की संस्थापिका साध्वी डॉ प्राची ने इशारों ही इशारों में तीखे हमले किये। साध्वी प्राची ने कहा कि कुछ लोग हिंदुस्तान को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। ये वहीं लोग हैं जिन्हें भगवा से बहुत तकलीफ होती है। इन लोगों को हिंदुओं से बहुत तकलीफ है और एक दल विशेष से खास सहानुभूति। उन्होंने बॉलीवुड की हालिया रिलीज फ़िल्म पर तंज कसते हुए कहा कि जब फ़िल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है, पात्रों के नाम भी सत्य दिखाए गए हैं तो फिर फ़िल्म में जिसने एसिड फेंकने की घटना को अंजाम दिया, एक लड़की का पूरा जीवन बर्बाद कर दिया, उसका धर्म क्यों बदलकर दिखाया गया? उसे हिन्दू धर्म का दिखा कर हिंदुओं के खिलाफ साजिश क्यों की जा रही हैं? साध्वी ने कहा कि आज समय आ गया है जब देश की संस्कृति को बचाये रखने के लिए हम सबको मिलकर संकल्प लेना होगा।
जेएनयू में चल रहे आंदोलन पर उन्होंने कहा कि सरकार या तो देश की सभी यूनिवर्सिटी की फीस कम कर दें या फिर जेएनयू की बढ़ा दें। क्योंकि देश की हर यूनिवर्सिटी में गरीब का भी बच्चा पढ़ता है और वो जेएनयू में पढ़ रहा चालीस साल का अधेड़ छात्र नहीं है बल्कि 21 साल का युवा होता है।
साध्वी प्राची ने कहा कि अब हिंदुओं को जातीयवाद और भाषावाद से हट एकजुट होकर कार्य करना होगा। उन्होंने मातृशक्तिओं से आह्वान करते हुए कहा कि देश के नवनिर्माण के लिए उन्हें शिवा का निर्माण करना होगा। और उसके लिए उन्हें जीजाबाई बनना होगा। तब जाकर शिवाजी जैसी ओजस्वी संतान देश की रक्षार्थ को तैयार होगी।
समारोह में ओंकारदास जी ने कहा कि राष्ट्र है तो हम हैं, हमें सर्वोपरि राष्ट्रहित को रखना चाहिए। जबकि अंजनी पांडेय ने कहा कि हमें विश्वगुरु बनना है तो स्वामी विवेकानंद के आदर्शों का अनुकरण करना होगा।
कार्यक्रम में युवा समाज सेवक डॉ अनूप मिश्रा ने बघेली अंदाज में स्वामी विवेकानंद का प्रेरणादायक शब्द कहा कि ‘अगर जितबै त नेतृत्व करबै, हरबै त मार्गदर्शन’। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का फोकस हमेशा युवाओं पर रहा है।
हिन्दू जागरण मंच की डॉ वर्षा गौतम ने स्वागत भाषण में आयोजन में विशेष भूमिका निभाने वाले संगठनों का आभार व्यक्त किया। मंच प्रमुख सुमित जायसवाल ने बताया कि सभी संगठनों के सहयोग से इस विशाल जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन विगत तीन वर्षों से संभव हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि संगठन के कार्यकर्ता विगत चार माह से डोर टू डोर हिंदुत्व जागरण के लिए संपर्क अभियान चला रहे थे। इससे पहले अखिल भारतीय ब्राह्मण सभा के प्रमुख ने शंखनाद किया।
समारोह में आरआरएस के अंजनी पांडेय, गोपालदास मंदिर के महंत हरिदास जी, ब्रह्मकुमारी मिशन की रेखाजी, गायत्री परिवार के प्रदुम्मन पटेल, पूर्व विश्व हिंदू परिषद के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश गुप्ता आदि मंचासीन थे।
भगवा रंग में सजी यात्रा ने सीधी की जनता का मोहा मन
भगवा रंग के आकर्षक परिधानों में सजी यात्रा ने सीधी की जनता का मन मोह लिया। स्वामी विवेकानंद के वेश में घोड़े पर सवार अंशिका पटेल पर कई स्थानों पर पुष्प वर्षा की गई। यात्रा के दौरान देशभक्ति की धुन पर बज रहे गीतों पर लोग जमकर झूमें।
इन मार्गों से निकली भव्य शोभायात्रा
भगवा रंग से सुसज्जित यात्रा का शुभारंभ दोपहर साढ़े तीन बजे छत्रसाल स्टेडियम से शुरू हुई। हिंदुत्व की संगीतमय धुन के साथ शुरू हुई इस यात्रा में हर आयु वर्ग के लोग सम्मलित थे। भगवा रंग की पगड़ी पहने कार्यकर्ताओं की टोल जैसे ही स्टेडियम से निकली वैसे ही सीधी शहर भारत माता की जयकार से गुंजायमान हो गया। यात्रा हिन्दू संस्कृति का परिचय कराती हुई भगवा यात्रा छत्रसाल स्टेडियम से शुरू होकर अस्पताल तिराहा होते हुए सम्राट चौक से सराफा बाजार, पुराना हनुमान मंदिर, अमहा, फूलमती मंदिर, सोनांचल बस स्टैंड, गांधी चौक होते हुए शाम छह बजे छत्रसाल स्टेडियम में भारत माता की भव्य आरती के साथ सम्पन्न हुई।
कुछ ऐसा था यात्रा का स्वरूप
छत्रसाल स्टेडियम से दोपहर साढ़े तीन बजे निकली भव्य भगवा शोभा यात्रा में सबसे आगे भगवान श्रीराम का दिव्य रथ चल रहा था, इस रथ के पीछे स्वामी विवेकानंद, महारानी लक्ष्मीबाई, शिवाजी, महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, के स्वरूप में बच्चों की टोली थी। बच्चों की इस टोली के पीछे हिंदुत्व की झांकी के साथ मातृशक्तियों की टोली चल रही थी। यात्रा के मध्य में साध्वी डॉ प्राची का रथ था। इस रथ के पीछे यात्रा के सबसे अंतिम में पुरुषों की टोली चल रही थीं।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन
स्टेडियम में आयोजित समारोह में गायक राम तिवारी, मुनिराज विश्वकर्मा और छोटे बच्चों द्वारा दी गई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया।
कल्पवास के लिए प्रयागराज निकली साध्वी प्राची
भगवा यात्रा के बाद शाम पांच बजे साध्वी डॉ प्राची माघ मेले में कल्पवास के लिए प्रयागराज के लिए निजी वाहन से प्रस्थान कर गई।