नई दिल्ली : बीजेपी ने गुजरात की तर्ज पर कर्नाटक में भी कमल खिलाने की खास योजना तैयार कर ली है. इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है इसके जरिए बीजेपी कर्नाटक की उन कमजोर सीटों पर भी बीजेपी उम्मीदवारों को जीत दिलाने की प्लानिंग कर रही है, जो पार्टी के लिहाज से कमजोर सीटें मानी जाती हैं. इसके लिए बीजेपी ने अपने 60 नेताओं की स्पेशल टीम बनाई है और इन्हें राज्य में 115 से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतने के लक्ष्य के साथ राज्य में तैनात किया गया है.
इसमें खासतौर पर वें सीटें शामिल हैं, जिन पर 2018 में बीजेपी दूसरे नंबर पर रही थी या बहुत ही मामूली अंतर से हारी या जीती थी. बीजेपी ने अपनी इस सुपर -60 टीम में उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली के ऐसे नेताओं को शामिल किया है, जिन्हें संगठन में काम करने और चुनावी राजनीति का अनुभव है.
विधानसभा सीटों की मॉनिटरिंग की भी जिम्मेदारी
इस टीम के सभी नेताओं को कर्नाटक की एक-एक कमजोर सीट को जीताने की जिम्मेदारी देने के साथ ही उस ज़िले की अन्य विधानसभा सीटों की मॉनिटरिंग का दायित्व भी सौंपा गया है.
टीम में शामिल नेताओं और उन्हें दी गई जिम्मेदारी की बात करें तो-
- दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा को हावेरी विधानसभा की ज़िम्मेदारी दी गई है और इसके साथ ही उन्हें हावेरी जिले की अन्य विधानसभा सीटों की मॉनिटरिंग का दायित्व भी दिया गया है.
- दिल्ली से ही बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी को हासन जिले की बैलूर विधानसभा सीट की विशेष ज़िम्मेदारी देने के साथ-साथ हासन जिले की अन्य सीटों की मॉनिटरिंग का दायित्व भी दिया गया है.
- राजीव बब्बर मैसूर सिटी विधानसभा पर जीत दिलाने के साथ ही मैसूर जिले की विधानसभाओं की मॉनिटरिंग करेंगे.
- दिल्ली के पूर्व मेयर जय प्रकाश को रामनगर जिले की सीटों की मॉनिटरिंग के साथ ही मगडी विधानसभा सीट जिताने की ज़िम्मेदारी दी गई है.
- आशीष सूद को बैडगी विधानसभा को जीताने की ज़िम्मेदारी दी गई है.
- दिल्ली से विधायक विजेंदर गुप्ता और अजय महावर को भी टीम में शामिल किया गया है.
- बिहार से विधायक संजीव चौरसिया को चिक्कोडी विधानसभा का दायित्व दिया गया है.
- करनाल से पार्टी के सांसद संजय भाटिया को तुमकूर जिले की गुब्बी विधानसभा का प्रभारी बनाया गया है.
चुनाव की कमाल संभालने कर्नाटक पहुंचे नेता
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, झारखंड से सांसद निशिकांत दुबे, यूपी से विधायक सतीश द्विवेदी और आंध्र प्रदेश के नेता पी सुधाकर रेड्डी सहित कई अन्य नेताओं को टीम में अलग-अलग इलाकों का दायित्व दिया गया है. चूंकि इन सभी नेताओं को 11 अप्रैल तक कर्नाटक पहुंच कर चुनाव की कमान संभालने को कहा गया था, इसलिए ये सभी नेता राज्य में पहुंच गए हैं और अब एक महीने तक वही प्रवास कर छोटी-छोटी मीटिंग करेंगें, कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर चुनावी रणनीति बनाएंगे. उन्हें वोटरों के घरों में भेजेंगें. इसके साथ ही ये नेता उम्मीदवारों की सभाओं और नेताओं के चुनावी दौरे की रूपरेखा भी तैयार करेंगे.