आनंद अकेला की रिपोर्ट
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी में युवा विधायकों का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। पार्टी युवा विधायकों को तेजी से आगे बढ़ाने की दिशा में पहल कर रही है। विंध्य से पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे चुरहट के विधायक शरतेंदु तिवारी को बीजेपी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। बड़ी बात यह है कि विंध्य से बीजेपी के 24 विधायकों में से पार्टी के केवल दो चेहरों को ही इस बड़ी जिम्मेदारी के लिए चुना है। चुरहट विधायक शरतेंदु तिवारी को काफी कम समय में इस तरह की बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
गौरतलब है कि अगले कुछ महीनों के भीतर ही प्रदेश के 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। प्रदेश में बीजेपी की सरकार रहेगी या नहीं इसका निर्णय उपचुनाव के परिणाम ही तय करेंगे। यही कारण है कि बीजेपी उपचुनाव को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहती है। निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तिथि घोषित होने से पहले ही पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए शुक्रवार को पार्टी ने 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है। भोपाल में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीड़ी शर्मा और प्रदेश प्रभारी संगठन सुहास भगत ने विधानसभा प्रभारियों की सूची जारी की है।
किसी भी सीट के लिए चुनाव प्रभारी की नियुक्ति बहुत अहम मानी जाती है। सीट के जीत हार के निर्णय में चुनाव प्रभारी का भी एक बड़ा रोल होता है। ऐसे में पार्टी किसी भी सीट के लिए चुनाव प्रभारी का चयन बहुत ही सोच समझ कर लेती है। अकसर देखा गया है कि पार्टी के मझे हुए खिलाड़ी को ही चुनाव प्रभारी के पद पर नियुक्त किया जाता है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल को उनकी अजेय मानी जाने वाली सीट चुरहट से हटाकर विधानसभा पहुंचने वाले युवा विधायक शरतेंदु तिवारी के ऊपर बीजेपी ने कुछ इसी तरह का बड़ा विश्वास जताया है। पार्टी ने जिन 24 सीटों पर चुनाव प्रभारी की नियुक्ति की है उसमें विंध्य से केवल दो चेहरों को ही चुना गया है। जिसमें रीवा के विधायक व शिवराज मंत्रीमंडल में तीन बार मंत्री रह चुके राजेंद्र शुक्ला और चुरहट के विधायक शरतेंदु तिवारी का नाम शामिल है। पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को पूर्व मंत्री संजय पाठक के साथ अनूपपुर सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इस सीट से कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए बिसाहू लाल साहू का चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। जबकि शिवपुर जिले के पोहरी सीट की जिम्मेदारी चुरहट के विधायक शरतेंदु तिवारी को सौंपी गई है। पोहरी सीट से सिंधिया समर्थक सुरेश धाकड़ का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है।
शरतेंदु तिवारी को जिम्मेदारी देना दे रहा है बड़ा संकेत
चुरहट से अजय सिंह राहुल को हराने वाले शरतेंदु तिवारी को बीजेपी ने जिस तरह से यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है वो बड़े संकेत की ओर इशारा कर रही है। बीजेपी इस समय पूरे देश में युवा चेहरों पर न केवल ज्यादा भरोसा कर रही है ब्लकि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी भी सौंप रही है। ऐसे में जब विंध्य से कई कद्दावर बड़े नेता है उसमें सबको दरकिनार कर जिस तरह से चुरहट विधायक शरतेंदु तिवारी को एक के बाद एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है वो भविष्य की ओर बड़े संकेत का इशारा कर रही है। जानकारों का कहना है कि शरतेंदु तिवारी पर पार्टी का इस तरह से भरोसा करने के कई कारण है। अभी तर शरतेंदु तिवारी को पार्टी की तरफ से जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई हैं उसका वो बखूबी निर्वहन करते आ रहे हैं। इसके अलावा शीर्ष नेतृत्व का विश्वास जीतने में भी कामयाब रहे हैं।
(चुरहट से गौरव द्विवेदी के इनपुट के साथ)