लखनऊ। रायबरेली और कैसरगंज की हाई प्रोफाइल सीटों पर सबकी निगाहें टिकी हैं। रायबरेली गांधी परिवार तो कैसरगंज हैवीवेट सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह को लेकर चर्चा में है। भाजपा ने दोनों ही सीटों पर बेहद सधे में कदम बढ़ाया है। पश्चिम की कुछ सीटों पर क्षत्रियों की नाराजगी से सबक लेकर पार्टी ने रायबरेली-कैसरगंज में ठाकुर चेहरों पर ही दांव लगाया है। वहीं कैसरगंज के टिकट की घोषणा में एक तीर से दो निशाने साधने का प्रयास किया गया है। एक ओर जहां ब्रजभूषण का टिकट काटकर विपक्षी दलों को भाजपा को घेरने का मौका नहीं दिया है, वहीं दूसरी ओर उनके बेटे को टिकट देकर ब्रजभूषण को नाराज भी नहीं किया गया है।
भाजपा प्रत्याशियों को लेकर सस्पेंस खत्म हो चुका है। ब्रजभूषण 17वें ऐसे सांसद हैं, जो टिकट से वंचित हुए हैं। महिला पहलवानों से जुड़े विवादों में ब्रजभूषण के बुरी तरह घिरने के बाद भाजपा नेतृत्व उन्हें लेकर नफा-नुकसान के आंकलन में जुटा था। पार्टी इस चुनाव में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत महिलाओं को लेकर विशेष अभियान चला रही है। ऐसे में भाजपा नेतृत्व ब्रजभूषण को टिकट देकर कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं था। ब्रजभूषण अपने समर्थकों के बीच अंतिम समय तक सस्पेंस बरकरार रखे रहे। हालांकि उन्हें पार्टी नेतृत्व ने पहले ही इशारा कर दिया था कि इस बार उन्हें लड़ाना संभव नहीं है। जहां तक उनके छोटे बेटे करन का सवाल है तो वो इसी साल फरवरी में यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। डबल ट्रैप शूटिंग के राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हैं। अवध विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन और एलएलबी किया है। फिर आस्ट्रेलिया से बिजनेश मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी किया है।
वहीं रायबरेली सीट पर कांग्रेस से प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज थीं। भाजपा प्रियंका को देखते हुए ही कोई भारी-भरकम प्रत्याशी उतारने के मूड में थी। मगर नामांकन की तिथि खत्म होने के 24 घंटे पहले तक कांग्रेसी टिकट का ऐलान न होने पर भाजपा ने अपने पुराने चेहरे दिनेश प्रताप सिंह को ही बरकरार रखा। इस सीट पर राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा के साथ आए मनोज पांडेय भी टिकट की दौड़ में थे। वहीं एक और नाम नूपुर शर्मा का था।
यह 17 सांसद हुए बेटिकट
भाजपा ने अब तक अपने 17 सांसदों का टिकट काटा है। जिन सांसदों के टिकट कटे हैं, उनमें वरुण गांधी, जनरल वीके सिंह, राजेंद्र अग्रवाल, डा. सत्यपाल सिंह, राजवीर दिलेर, चंद्रसेन जादौन, संघमित्रा मौर्य, संतोष गंगवार, सत्यदेवल पचौरी, अक्षयवर लाल गोंड, उपेंद्र रावत, ब्रजभूषण शरण सिंह, रीता बहुगुणा जोशी, केशरी देवी पटेल, रमेश बिंद, रमापति राम त्रिपाठी, वीरेंद्र सिंह मस्त शामिल हैं। इनमें से बागपत सीट रालोद के खाते में जाने के चलते भाजपा सांसद बेटिकट हुए जबकि दो सांसदों की जगह उनके बेटों को टिकट दिया गया है। इनमें बहराइच और कैसरगंज सीटें शामिल हैं।