मुंबई। भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी महायुति अब तक सीट बंटवारा नहीं कर सकी है। खास बात है कि महाराष्ट्र में चुनावी दौर शुरू होने में महज 5 दिनों का ही समय रह गया है। कहा जा रहा है कि तीनों दलों के बीच 9 सीटों पर पेच फंसा हुआ है। इधर, विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में भी सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस नेताओं में नाराजगी की खबर है।
किन 9 सीटों पर अटकी बात
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि महायुति रत्नागिरी-सिंधुदुर्गी, सतारा, औरंगाबाद, नाशिक, ठाणे, पालघर, मुंबई दक्षिण, मुंबई उत्तर पश्चिम और मुंबई उत्तर दक्षिण को लेकर सहमति नहीं बना पा रही है। अब रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग और सतारा में 7 मई को मतदान होना है, औरंगाबाद में 13 मई और अन्य सीटों पर 20 मई को वोटिंग होगी।
कहा जा रहा है कि सीट शेयरिंग पर हो रही बातचीत अब तक गठबंधन के लिए सकारात्मक रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी सीटों की संख्या 15 से घटकर 9 रह गई है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी कुछ सीट शेयरिंग में बातचीत को स्वीकार कर चुके हैं। उन्होंने कहा था, ‘तीन या चार सीटों पर चर्चाएं हैं। हम बातचीत करेंगे और समाधान निकालेंगे।’ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजित पवार भी ऐसी ही प्रतिक्रिया देते नजर आए थे।
शिंदे का गढ़ चाहे भाजपा
रिपोर्ट के मुताबिक, जानकार बताते हैं कि भाजपा ठाणे पर दावा पेश कर रही है। जबकि, शिवसेना शिंदे की पहचान जुड़े होने के चलते इसे हाथ से नहीं जाने देना चाहती। कहा जा रहा है कि सीट शेयरिंग पर बातचीत की शुरुआत में ही भाजपा ने शिवसेना से ठाणे या कल्याण चुनने के लिए कहा था। कल्याण से शिंदे के बेटे श्रीकांत सांसद हैं।
मुंबई की सीटों का क्या
खबर है कि मुंबई दक्षिण सीट से भाजपा स्पीकर राहुल नार्वेकर को उतारना चाहती है। जबकि, शिवसेना आरोप लगा रही है कि गठबंधन की साथी इस सीट पर दावा पेश कर उद्धव ठाकरे कैंप को फायदा पहुंचा रहे हैं। शिंदे सेना का कहना है कि जब शिवसेना और भाजपा गठबंधन में थीं, तब हमेशा यह सीट अविभाजित शिवसेना के लिए छोड़ी गई थी।
कहा जा रहा है कि भाजपा मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से मौजूदा सांसद पूनम महाजन को बदलने के विकल्प तलाश रही है। वहीं, शिवसेना मुंबइई उत्तर पश्चिम से उम्मीदवार खोज रही है। यहां सांसद गजानन कीर्तिकर ने स्वास्थ्य का हवाला देकर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है।