मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले दिनों में कई बड़े घटनाक्रम होने वाले हैं. संभावना है कि अगले दो माह में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज जायेगा. इन दोनों चुनावों से पहले शिवसेना और एनसीपी विधायकों की अयोग्यता के मामले पर बड़ी सुनवाई होगी. इन दोनों मामलों के नतीजे पर महाराष्ट्र की राजनीति की नई इबारत लिखी जाने की संभावना है. इस बीच, बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने मुख्यमंत्री को लेकर पूछे गए सवाल का बमुश्किल जवाब दिया है.
इस कठिन उत्तर के पीछे क्या अर्थ है? ऐसी चर्चा अब राजनीतिक गलियारे में शुरू हो गई है. इन चर्चाओं के पीछे की वजह हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे हैं.
महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर सियासी कयास
हाल ही में देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए हैं. 5 में से 3 राज्यों में बीजेपी को जीत मिली. इन तीनों राज्यों में बीजेपी की जीत के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा? इस मुद्दे पर तीखी बहस हुई. इस मुद्दे पर बीजेपी में कई अंदरूनी बैठकें हुईं. मुख्यमंत्री पद को लेकर कई बड़े नेताओं के नाम चर्चा में थे.
लेकिन तीनों राज्यों में बीजेपी ने चौंकाने वाली रणनीति अपनाई और उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी जिसका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में नहीं था. साथ ही, क्या बीजेपी आगामी 2024 विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में चौंकाने वाली रणनीति अपनाएगी? क्या बीजेपी नेता पंकजा मुंडे को बनाया जा सकता है महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री? ये सवाल पत्रकारों ने विनोद तावड़े से पूछा.
विनोद तावड़े ने आखिर क्या कहा?
मुख्यमंत्री पद को लेकर पत्रकारों के सवाल पर विनोद तावड़े ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने पलट कर सवाल पूछा, क्या मैं मुख्यमंत्री बनूंगा? आप यह प्रश्न क्यों नहीं पूछते? कभी-कभी मेरा भी ख्याल रखें.
उन्होंने कहा, ”2019 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिवसेना और भाजपा उम्मीदवारों ने जीता था. लेकिन उद्धव ठाकरे ने हमें धोखा दिया.” तो एकनाथ शिंदे बाहर आये. जब राज्य में शिंदे-फडणवीस की सरकार थी, तब अजित पवार हमारे साथ आये थे. विनोद तावड़े ने टिप्पणी की कि क्या आज उद्धव ठाकरे ने अजित पवार को धोखा नहीं दिया होता?
इसके साथ ही विनोद तावड़े ने अगले विधानसभा चुनाव को लेकर भी बड़ा बयान दिया. महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रही है. इस चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद का फैसला भी सामूहिक रूप से लिया जाएगा. आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी का लक्ष्य 400 लोकसभा सीटें हैं.