नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज कर सकती है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि पार्टी अगले चरण के आंदोलन की योजना पर चर्चा करेगी और इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ परामर्श करेगी।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का एक समूह कांग्रेस सरकार में महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले और एससी/एसटी कल्याण के लिए तय कोष (फंड) के दुरुपयोग के खिलाफ पदयात्रा निकालने की योजना बना रहा है। इस समूह की अगुवाई भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल और रमेश जारकीहोलि कर रहे हैं।
पिछले महीने भाजपा और जद (एस) ने मिलकर बंगलूरू से मैसूर तक एक विरोध प्रदर्शन रैली निकाली थी। जिसमें कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की गई थी।
प्रह्लाद जोशी ने नई दिल्ली में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि पहली और दूसरी पदयात्रा का कोई सवाल ही नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा के बाद भाजपा अगले चरण के आंदोलन पर फैसला लेगी। सभी मिलकर चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे। पदयात्रा आयोजित करने को लेकर पार्टी के भीतर मतभेदों को लेकर जोशी ने कहा, जो लोग दूसरी पदयात्रा कराने के पक्ष में हैं, उन्हें पार्टी में उचित मंच पर यह बात रखनी चाहिए और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मंजूरी लेनी चाहिए।
यतनाल और जारकीहोली के नेतृत्व में भाजपा के एक वर्ग ने पदयात्रा की योजना बनाई है। ये नेता राज्य भाजपा प्रमुख बी.वाई. विजयेंद्र और उनके पिता बी.एस. येदियुरप्पा से असंतुष्ट बताए जा रहे हैं। इसे मैसूर तक की विरोध रैली के जवाब में देखा जा रहा है, जिसका नेतृत्व विजयेंद्र ने किया था। विजयेंद्र ने हाल ही में कहा कि उन्हें दूसरी पदयात्रा से कोई आपत्ति नहीं है। अगर पार्टी के केंद्रीय नेृतत्व को कोई आपत्ति नहीं है तो वे अपनी पदयात्रा निकाल सकते हैं।
जमीन आवंटन को लेकर भाजपा ने मंत्री प्रियांक खरगे के खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत से शिकायत की है। इस पर जोशी ने कहा कि राज्यपाल को दो-तीन शिकायत दी गई हैं। वह इस पर फैसला लेंगे। इस पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगा।