जयपुर: राजस्थान की बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान 2018 में कांग्रेस में शामिल होने मानवेंद्र सिंह जसोल ने आखिर अपने घर में वापसी कर ली। उन्होंने पीएम मोदी की रैली के दौरान बीजेपी ज्वाइन की। इसको लेकर सियासत का पारा हाई हो गया। चर्चा है कि बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा सीट पर रविंद्र सिंह भाटी के प्रभुत्व को देखते हुए बीजेपी ने यह ‘मास्टर स्ट्रोक’ खेला है। मानवेंद्र सिंह को फिर से बीजेपी में शामिल करवाने का दांव रविंद्र सिंह भाटी को रोकने से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, सियासी गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
मानवेंद्र सिंह की वापसी के सियासी मायने
मानवेंद्र सिंह की वापसी को लेकर कई तरह की सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं। सियासत में इस बात की काफी चर्चा है कि रविंद्र सिंह भाटी के लिए बीजेपी के खास प्लान के चलते मानवेंद्र सिंह को बीजेपी में शामिल किया है। रविंद्र सिंह भाटी ने इस लोकसभा सीट पर बीजेपी की चिंता बढ़ा रखी है। इसके चलते बीजेपी का अन्य सीटों की अपेक्षा बाड़मेर सीट पर ज्यादा फोकस है। बीते दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बाड़मेर सीट पर 3 दिनों के प्रवास पर रहे, जहां उन्होंने कई सियासी समीकरणों को सुलझाने का प्रयास किया।
बीजेपी का मानवेंद्र सिंह पर लगाया दांव होगा सफल?
मानवेंद्र सिंह के बीजेपी में शामिल होने को लेकर सियासी गलियारों में जमकर चर्चा है। माना जा रहा है कि रविंद्र सिंह भाटी को रोकने के लिए बीजेपी ने मानवेंद्र सिंह के रूप में बड़ा दांव खेला है। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या बीजेपी का यह दांव सही साबित हो पाएगा। उधर, सियासत में चर्चा है कि मानवेंद्र सिंह के माध्यम से बीजेपी राजपूत समाज के वोटर्स को साधने की बड़ी कोशिश करेगी, क्योंकि रविंद्र सिंह भाटी युवाओं के अलावा राजपूत समाज से काफी कनेक्ट हैं। ऐसी स्थिति में भाटी को कमजोर करने के लिए बीजेपी अब मानवेंद्र सिंह का सहारा लेगी। उधर, मानवेंद्र सिंह को भी राजपूत समाज में अच्छी पकड़ वाला नेता माना जाता है, लेकिन अब देखना होगा कि बीजेपी का यह दांव रविंद्र सिंह भाटी पर कितना भारी पड़ता है?