लखनऊ: पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाए जाने की मांग के बाद पश्चिमी यूपी में एक बार फिर सियासी तूफान खड़ा हो गया है. पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री मंत्री डा. संजीव बालियान ने जहां एक बार फिर पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की पूरजोर तरीके से मांग उठाई है. वहीं बालियान के बयान के खिलाफ सपा एमएलए अतुल प्रधान और बीजेपी के पूर्व एमएलए साथ नजर आ रहे हैं. दोनों के ही बयान चर्चा का विषय बने हुए हैं. ऐसे में संजीव बालियान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
बीजेपी नेता संगीत सोम सोम बोले- पश्चिमी यूपी नहीं
बीजेपी के पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने जहां पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग की तो वहीं बीजेपी एमएलए संगीत सोम ने संजीव बालियान के इस बयान पर पलटवार किया है. नका कहना है कि पश्चिमी यूपी नहीं मिनी पाकिस्तान बनेगा, क्योंकि एक वर्ग की आबादी बढ़ रही है. हम हिंदुस्तान में पाकिस्तान नहीं बनने देंगे और विरोध करेंगे. पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का एजेंडा संजीव बालियान का पर्सनल हो सकता है बीजेपी का एजेंडा नहीं है. उन्होंने मांग की है कि पश्चिमी यूपी के जिलों को दिल्ली में जोड़ दिए जाए, न नया हाईकोर्ट बनाने की जरूरत है और न नई विधानसभा बनाने की. बता दें कि संजीव बालियान ने पहले भी पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग उठाई थी और तब भी संगीत सोम ने पश्चिमी यूपी बनने को मिनी पाकिस्तान बताया था.
सपा एमएल अतुल प्रधान बोले, यूपी की दिल्ली में धाक है
पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाए जाने के पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान के बयान पर सरधना विधानसभा सीटी से सपा प्रत्याशी अतुल प्रधान का कहना है कि यूपी बड़ा स्टेट है, यूपी की दिल्ली में धाक है. उत्तर प्रदेश को डिनाई नहीं किया जा सकता. यूपी 80 सीटों वाला प्रदेश है. छोटे और बड़े राज्य का अपना अपना महत्व है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड भी तो राज्य हैं, लेकिन यूपी की धाक अलग है. खुशी की बात है कि यूपी की 80 सीटों में से 37 सांसद समाजवादी पार्टी के जीतकर आए हैं. बोले, हाईकोर्ट बेंच पश्चिमी यूपी को मिलनी चाहिए. जब उनसे फिर सवाल किया गया कि क्या यूपी का विभाजन होना चाहिए या नहीं तो बोले, यूपी का बड़ा नाम है और कई प्रधानमंत्री यूपी ने दिए हैं. यूपी ताकतवर ही रहना चाहिए.
क्या कहा था पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान ने?
पश्चिम प्रदेश निर्माण संयुक्त मोर्चा के सम्मेलन में मेरठ पहुंचे पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने कहा था कि पश्चिमी यूपी अलग राज्य बनना चाहिए. यूपी का विभाजन पूरब, पश्चिम और बुंदेलखंड की लड़ाई नहीं हैं, बल्कि पश्चिमी यूपी वक्त की मांग है. पूर्वी उत्तर प्रदेश पश्चिमी यूपी से भी पिछड़ा हुआ है. उन्होंन उत्तराखंड का जिक्र किया था कि हमसे अलग होकर प्रदेश बना और आज उसकी प्रगति देखिए, महाराष्ट्र आबादी के हिसाब से हमसे छोटा है, लेकिन वहां की जीडीपी देखिए. उन्होंने युवाओं से आह्वान भी किया था कि वो पश्चिमी यूपी के लिए सोचें और आगे आएं. यूपी की आबादी करीब 25 करोड़ है. बड़ा आकार होने की वजह से ही अन्य राज्यों से पिछड़ा हुआ है.
मेरठ की जनता आई समर्थन में?
पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर जहां सियासी तीर छोड़े जा रहें हैं, वहीं मेरठ की जनता पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान के समर्थन में नजर आई थी. मेरठ के सेंट्रल मार्केट के व्यापरी विपिन वत्स, व्यापारी नेता जितेन्द्र अग्रवाल, विकास, राकेश शर्मा का कहना था कि पश्चिमी यूपी अलग राज्य बन जाने से मेरठ राजधानी बनेगा और इसका सीधा सीधा फायदा पूरे पश्चिमी यूपी को मिलेगा. हमारे टैक्स का पैसा अभी पूरे यूपी पर खर्च होता है और तब पश्चिमी यूपी पर खर्च होगा. विकास भी होगा और रोजगार के अवसर भी ज्यादा पैदा होंगे.