विदिशा: बीते चार दशकों में पहली बार सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपने सबसे सुरक्षित विदिशा सीट को 2018 में खो दी थी। हाई प्रोफाइल विदिशा विधानसभा सीट भोपाल से 50 किमी दूर है, जहां से वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव लड़ चुके हैं। साथ ही जीत भी चुके हैं। 1998 के बाद से बीजेपी हर चुनाव में यहां उम्मीदवार बदलती रही है, इसके बावजूद चुनाव जीतती रही है। विदिशा विधानसभा सीट बीजेपी का गढ़ रहा है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों में चौथी बार कांग्रेस ने अपने एक ही उम्मीदवार को दोहराया है। बारा-बार की हार के बाद भी वह 2018 में जीतने में सफल रहे थे।
कांग्रेस उम्मीदवार शशांक भार्गव ने 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मुकेश टंडन को हराया था। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को इस सीट पर 1972 में जीत मिली थी। भार्गव ने 46 साल के सूखे को समाप्त किया था। 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद विधायक दल की बैठक में पार्टी नेताओं ने इस सीट को जीतने वाले भार्गव के लिए ताली बजाई थी।
पीएम की रैली के बाद भी हार गई थी बीजेपी
हालांकि 2018 के चुनावों में विदिशा सीट को जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर 2018 को विदिशा में एक रैली की थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रोड शो किया था। साथ ही मुकेश टंडन के समर्थन में सीएम ने भी रैली की थी। दूसरी ओर, भार्गव ने बड़े नेताओं से दूरी बनाए रखी। विदिशा में किसी भी बड़े नेता ने भार्गव के लिए प्रचार नहीं किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2018 के चुनावों के दौरान पास के गंजबसौदा विधानसभा में एक रैली की थी।
कांग्रेस ने फिर से विधायक शशांक भार्गव पर ही भरोसा किया है। वहीं, बुधनी की तरह विदिशा को भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दूसरा घर और निर्वाचन क्षेत्र माना जाता है।
व्यवसायी से बने हैं राजनेता
गौरतलब है कि शशांक भार्गव एक व्यवसायी रहे हैं। वह व्यवसायी से राजनेता बने हैं। उनके पक्ष में सबसे बड़ी बात यह थी कि चार चुनाव हारने के बाद भी सीएम समेत बीजेपी के उम्मीदवारों को उन्होंने कड़ी टक्कर दी है। 2013 में 17,000 वोटों से उनकी हार हुई थी। दूसरी ओर, बीजेपी ने 2018 की हार के लिए अपने उम्मीदवार को जिम्मेदार ठहराया था। नेताओं ने कहा था कि पार्टी ने स्थानीय कारकों और उम्मीदवारों के कारण विदिशा को खो दिया।
इन बड़े नेताओं ने विदिशा का किया है प्रतिनिधित्व
विदिशा पूरे देश में बीजेपी के लिए सबसे सुरक्षित सीट रहा है। कई बड़े नेताओं ने लोकसभा में विदिशा रिप्रजेंट किया है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज और शिवराज सिंह चौहान का नाम है।