खंडवा : मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं के कुर्ता फाड़ बयान के बीच भाजपा कार्यकर्ता ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। खंडवा में भाजपा का एक पूर्व कार्यकर्ता फटी चड्डी बनियान पहन कर अपने ही विधायक के खिलाफ सड़क पर उतर गया। स्थानीय भाजपा विधायक का इस तरह अनूठा तरीके से विरोध देख लोग भी दंग रह गए।
दरअसल, बुधवार को खंडवा के एक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर बबलू राजाणी खंडवा की सड़कों पर अर्धनग्न हालत में हाथों में एक बैनर थामे लोगों को जागरूक करने के लिए घूम रहे थे। अपनी अर्धनग्न हालत और फटी हुई चड्डी- बनियान को खंडवा का विकास बताते हुए आम जनता से अपने वोट के जरिए सही व्यक्ति को चुनने की अपील कर रहा है। इस युवा को देख हर कोई ठिठक कर उनकी बात सुनने और समझने की कोशिश कर रहा था।
बता दें कि खंडवा में पिछले 15 सालों से भारतीय जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र वर्मा ही जीतते आ रहे हैं। हालांकि इस बार अभी तक उनका टिकट पक्का नहीं हो पाया है, लेकिन इस बीच शहर में उनका विरोध जरूर शुरू हो गया है।
आर्थिक रूप से सक्षम होने के बावजूद फटी हुई चड्ढी बनियान पहन शहर भ्रमण करते निकले इस युवा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर का कहना था कि उनकी फटी हुई चड्ढी बनियान की तरह ही शहर का विकास भी फटेहाल है, जिसके जवाबदार शहर के विधायक हैं। क्योंकि उन्होंने शहर में किसी तरह का कोई विकास नहीं किया है, जबकि वे पिछले 15 सालों से शहर के विधायक हैं। वे सिर्फ मोदी जी, मोदी जी करते रहते हैं, लेकिन खुद अपने स्तर पर शहर में किसी तरह का विकास कार्य नहीं करवा पाते हैं।
युवा समाजसेवी और पूर्व भाजपा के कार्यकर्ता रहे बबलू राजाणी ने भाजपा संगठन पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि BJP को लगता है कि शहर से किसी कुत्ते को भी टिकट दे दो, तो वह भी जीत जाएगा लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब खंडवा की जनता जागरूक हो रही है, और सही व्यक्ति को ही टिकट देने पर उसे जिताया जाएगा। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को भी कमजोर बताया जो कि ठीक तरह से विरोध ही दर्ज नहीं करवा पा रहा है। हालांकि इसका जिम्मेदार भी उन्होंने जनता को ही बताया क्योंकि उनके अनुसार जनता ने विपक्ष को कभी मौका ही नहीं दिया।
बता दें, अब तक जारी हुई भाजपा की सूची में खंडवा का नाम नहीं है, और फिलहाल खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा अपने टिकट के चलते भाजपा आला कमान के संपर्क में बने हुए हैं लेकिन इस बीच शहर में उनके टिकट को लेकर पहले ही विरोध शुरू हो चुका है। अब देखना यह है कि इस विरोध के बावजूद उनका टिकट हो पता है या नहीं, और जनता उन्हें फिर से अपना मत देकर विधायक चुनती है या नहीं।