नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. लेकिन इस उपचुनाव के बीच बीजेपी की सियासत आए दिन नए रंग में नजर आ रही है. हर दिन एक नई सियासी मुलाकात की वजह से चर्चाओं का बाजार गर्म होते जा रहा है. इसकी शुरूआत सीएम योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे और फिर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद शुरू हुई थी.
दरअसल, रविवार को सीएम योगी दिल्ली पहुंचे तो तमाम अटकलें फिर से शुरू हो गई. इसके बाद उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को महाकुंभ में आने का निमंत्रण दिया है. इसके साथ ही सीएम योगी ने उन्हें महाकुंभ से जुड़ी तमाम तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी है.
हाईकमान से मिले सीएम योगी
इसके बाद मुख्यमंत्री ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है. लेकिन उपचुनाव के बीच अचानक इस दिल्ली दौरे ने तमाम अटकलों को हवा दे दी है. चुनाव प्रचार के दौरान इन सियासी मुलाकातों के मायने निकाले जा रहे हैं. हर राजनीतिक दलों के ओर से इसपर बयानबाजी हो रही है.
लेकिन इन तमाम राजनीतिक घटनाक्रमों पर अभी चर्चा चल ही रही थी कि योगी सरकार के मंत्री और निषाद पार्टी प्रमुख डॉ. संजय निषाद ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मुलाकात कर ली. मंत्री संजय निषाद के नाराजगी और सीट शेयरिंग में मन के मुताबिक सीट नहीं मिलने की चर्चा बीते दिनों खुब हुई है.
दोनों डिप्टी सीएम से की मुलाकात
इस मुलाकात के बाद देर शाम एक और सियासी मुलाकात की तस्वीर सामने आई है. ये तस्वीर उत्तर प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम की थी. ब्रजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार की देर शाम को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की. इस मुलाकात की तस्वीर बाहर आई तो सियासी गलियारों में हलचल और तेज हो गई.
हालांकि इन पांच सियासी मुलाकात के अलग-अलग मायने और उद्देश्य हैं. लेकिन एक के बाद एक हो रही सियासी मुलाकात ने यूपी में उपचुनाव के बीच बीजेपी की सियासी को नया रंग दे दिया है. अब हर राजनीतिक पंडित अपने अनुसार इन मुलाकातों का विश्लेषण करने में लगा हुआ है.