सुनीता तिवारी की रिपोर्ट
भोपाल। एक समय था जब कांग्रेस के पास हर क्षेत्र में शीर्ष पदों पर ब्राह्मण नेताओं की भरमार हुआ करती थी। ब्राह्मणों के जनाधार को अपनी ओर आकर्षित करने पार्टी ने इस वर्ग का दशकों तक लाभ उठाया। लेकिन कांग्रेस के पास से धीरे धीरे इस वर्ग के नेताओं की रिक्तता होती चली गई। स्थिति ये है कि कई क्षेत्र ऐसे हो गए जहां ब्राह्मण वोट तो बहुतायत में हैं, लेकिन कोई सर्वमान्य और अनुभवी ब्राह्मण नेता नहीं है। ऐसा ही एक क्षेत्र ग्वालियर चम्बल का है। जहां हाल ही में उपचुनाव होने वाले हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के निधन के बाद कांग्रेस में इस क्षेत्र में अनुभवी ब्राह्मण नेता की कमी महसूस की जा रही है। यहां एक बड़ा नाम चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी का था लेकिन उनकी पार्टी में आधी अधूरी वापसी से पार्टी और जनता में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। फिलहाल इस क्षेत्र में कांग्रेस से ब्राह्मण वर्ग के रूप में एकमात्र विधायक प्रवीण पाठक हैं। दूसरे सत्यदेव कटारे के पुत्र हेमंत कटारे पूर्व विधायक हैं, लेकिन अनुभव की कमी इन दोनों नेताओं में है।
कई सीटों पर ब्राह्मण वोट निर्णायक
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोडऩे के बाद पार्टी को ग्वालियर और चंबल संभाग में हर वर्ग के वोट पर पकडऩे की चिंता है। क्षेत्र की 16 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में ब्राह्मण वोट पर कांग्रेस का विशेष ध्यान है। क्योंकि यहां होने वाले उपचुनाव वाली सीटों पर करीब पांच लाख ब्राह्मण वोटर बताए जाते हैं। सुमावली, दिमनी, डबरा, गोहद और मेहगांव जैसी सीटों पर ब्राह्मण समाज के निर्णायक वोट हैं। इन सीटों के अलावा अन्य सीटों पर भी ब्राह्मण समाज के वोटों की बड़ी संख्या बताई जाती है। कांग्रेस में अब उपचुनाव में ब्राह्मण समुदाय के वोटरों को ध्यान में रखकर दूसरे क्षेत्र के ब्राह्मण नेताओं की टीम को वहां कैंप करने की रणनीति बनाई जा रही है। राजनीतिक मामलों और मीडिया विभाग की टीम दोनों में इस फैक्टर को ध्यान में रखते हुए नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
ब्राह्मणों की टीम करेगी कैम्प
सामाजिक गणित को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने 16 सीटों के राजनीतिक गतिविधियों के लिए पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा पूर्व मंत्री व विधायक पीसी शर्मा और विधायक नीरज दीक्षित की टीम बनाई है। इनको उपचुनाव के दौरान वहीं कैंप करने के निर्देश हैं। इसके पहले कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल संभाग के लिए मीडिया विभाग की जो टीम बनाई थी, उसमें भी केके मिश्रा जैसे मुखर नेता सहित तीन ब्राह्मण प्रवक्ता शामिल हैं।