भोपाल : मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में जल्द ही छात्र यूनिफॉर्म पहनकर आया करेंगे। इसकी घोषणा उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बुधवार को की। मंत्री परमार ने कहा कि शुरुआत में यह यूनिफॉर्म गवर्नमेंट एक्सीलेंस कॉलेजों में शुरू की जाएगी और बाद में इसे राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में लागू किया जाएगा।
परमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘जब हमारे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की गई थी, तो मध्य प्रदेश इसे अपनाने वाले अग्रणी राज्यों में से एक था। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में, हमने राज्य के सभी 55 जिलों में एक्सीलेंस कॉलेज बनाने का फैसले लिया है। हमारे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 14 जुलाई को इंदौर से इन कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे। ऐसे में, यूनिफॉर्म लागू करने के लिए विभाग में एक प्रक्रिया चल रही है। हमारा लक्ष्य आम सहमति बनाकर जल्द ही यूनिफॉर्म बनाकर पेश करना है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘शुरू में हम इन 55 एक्सीलेंस कॉलेजों में यूनिफॉर्म लागू करेंगे, लेकिन बाद में हम धीरे-धीरे इस नीति का विस्तार करेंगे और बचे हुए कॉलेजों के लिए भी आम सहमति बनाएंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि वे समाज के किसी भी वर्ग की आपत्तियों के बिना आदर्श ड्रेस कोड लागू करने के लिए सभी फैक्टर्स पर विचार करेंगे।
मंत्री ने कहा, ‘हम इन कॉलेजों में पॉजिटिव माहौल बनाएंगे, जिसमें समाज के सभी वर्ग और छात्र शामिल होंगे। हम ड्रेस कोड के महत्व य़को समझाएंगे और इसका उपयोग कॉलेजों की पहचान, समानता और अनुशासन बनाए रखने के साथ-साथ बाहरी तत्वों को नियंत्रित करने के लिए करेंगे। मेरा मानना है कि सभी सहमत होंगे और हम एक अच्छा समाधान निकालेंगे जिससे हमें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।’
इसी बीच, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि उन्हें यूनिफॉर्म लागू करने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर नीति हिजाब को टारगेट करती है या इसे लेकर राज्य भाजपा सरकार की मंशा को दिखाती है, तो वह इसका विरोध करेंगे। मसूद ने कहा, ‘हमें ड्रेस कोड लागू करने पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन अगर यह हिजाब और इसे लेकर राज्य सरकार की मंशा को लेकर है, तो यह गलत है और हम इसका विरोध करेंगे। मेरी राय में, यह वैकल्पिक होना चाहिए। अगर कोई ड्रेस कोड के समान रंग का हिजाब पहनता है, तो उसे इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। अगर राज्य सरकार ऐसा करती है, तो हम इसे सपोर्ट करेंगे।’