उज्जैन: लोकायुक्त की टीम ने सीएम मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन में बड़ी कार्रवाई की है। एक रिश्वतखोर इंजीनियर को ठेकेदार से रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त की टीम ने महिला इंजीनियर को रंगेहाथ दबोचा तो मैडम का मुंह लटक गया है। वह नल जल योजना में काम कर रहे एक ठेकेदार से 10 लाख रुपए का बिल पास करने के लिए 60 हजार रुपए की रिश्वत ले रही थी। ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की थी। मामले की जांच के बाद लोकायुक्त की टीम ने इंजीनियर को रंगेहाथ ट्रैप किया है।
पीएचई विभाग में असिस्टेंड इंजीनियर हैं निधि मिश्रा
दरअसल, गिरफ्तार निधि मिश्रा पीएचई विभाग में सहायक इंजीनियर के पद पर पदस्थ हैं। उनके खिलाफ ठेकेदार अक्षय पाटीदार ने शिकायत की थी। ठेकेदार ने अपनी शिकायत में कहा था कि 2022 में जल जीवन मिशन योजना के तहत उज्जैन के घट्टिया तहसील के गांवों में काम किया था। कोरोना की वजह से समय पर काम पूरा नहीं हो पाया। चार महीने की देरी पर विभाग ने 10 लाख रुपए का बिल रोक दिया था।
बिल पास करने के लिए निधि मिश्रा ने मांगी रिश्वत
वहीं, काम पूरा होने के बाद ठेकेदार लगातार पीएचई विभाग के दफ्तर का चक्कर लगा रहा था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इस दौरान पीएचई विभाग के गऊघाट स्थित ऑफिस में तैनात सहायक इंजीनियर निधि मिश्रा ने बिल पास करवाने की बात कही है। इसके बदले में उसने 60 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की। 60 हजार में 50 हजार ऊपर के अधिकारियों के लिए और खुद के लिए 10 हजार रुपए की मांग की।
लोकायुक्त में की शिकायत
ठेकेदार रिश्वत देने के लिए तैयार हो गया। साथ ही एक जुलाई को इसकी शिकात लोकायुक्त में की। लोकायुक्त ने मामले को सही पाकर इंजीनियर को ट्रैप करने का प्लान किया। ठेकेदार ने जैसे ही इंजीनियर को रिश्वत की राशि दी, मैडम ने उसे टेबल के दराज में रख लिया। टेबल के दराज में रखते ही लोकायुक्त की टीम ने पैसे के साथ सहायक इंजीनियर निधि मिश्रा को दबोच लिया।
निधि मिश्रा पर केस दर्ज
वहीं, भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत लोकायुक्त की टीम ने सहायक इंजीनियर निधि मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही ठेकेदार ने अधिक्षण यंत्री पर भी रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। इसकी जांच की जा रही है।