नई दिल्ली। राम चरण, जूनियर एनटीआर और आलिया भट्ट अभिनीत एसएस राजामौली की आरआरआर बॉक्स ऑफिस पर किसी ज़लज़ले की तरह आई और पुराने सभी रिकॉर्ड बहा कर ले गई। दुनियाभर में इस फिल्म को काफी बेहतरीन रिव्यू मिले। इस धमाकेदार ऐक्शन मसाला फिल्म में ब्रिटिश शासन के दौरान हुए अन्याय को दिखाया गया, इसकी कहानी ने लोगों के दिलों को छू लिया पर अब लगता है कि यही बात अंग्रेजों को पसंद नहीं आई। 200 साल जिन लोगों ने भारतीयों पर जुल्म और अत्याचार किया वो अब हमें फिल्म को लेकर पाठ पढ़ा रहे हैं। ब्रिटिश मूल के इतिहासकार रॉबर्ट टॉम्ब्स आरआरआर की पॉपुलैरिटी से ज्यादा खुश नहीं हैं।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में फ्रांसीसी इतिहास के प्रोफेसर रॉबर्ट टॉम्ब्स ने हाल ही में ‘द स्पेक्टेटर’ के लिए एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंने भारत में अपने शासनकाल के दौरान अंग्रेजों के चित्रण के लिए एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर को नकार दिया। भारतीयों पर किए गए जुल्म को इस प्रोफेसर ने नकार दिया और फिल्म में दिखाए गए दृश्यों को बुरा और मूर्खतापूर्ण कहा है।
‘द स्पेक्टेटर’ पर फ्रांसीसी इतिहास के प्रोफेसर रॉबर्ट टॉम्ब्स ने आरआरआर का रिव्यू करते हुए लिखा- हमने पिछली कुछ शताब्दियों में दुनिया में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है कि हमने दोस्तों के साथ-साथ काफी दुश्मन भी कमाए हैं। कई राष्ट्रवादी मिथकों में हमें खलनायक की भूमिका में कास्ट दिखाया जाता है। ऐसा करके कई देश खुद की झूठी वीरतापूर्ण कहानियां गढ़ते हैं।
रॉबर्ट टॉम्ब की आरआरआर की समीक्षा के एक अन्य पैराग्राफ में पढ़ा गया, ‘आरआरआर प्रतिक्रियावादी और हिंसक हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा देता है, जो भारतीय संस्कृति और राजनीति पर हावी हो रहा है, जिसे मौजूदा सरकार ने हवा दी है’ उन्होंने यह भी कहा, ‘फिल्म में ब्रिटिश अधिकारियों और सैनिकों को पूरे देश में घूमते और अपराध करते दिखाया गया, जो कि बिल्कुल ही मूर्खतापूर्ण था। इसलिए आरआरआर इतिहास के बारे में कुछ नहीं बताती। वे सिंथेटिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश करते हैं … नेटफ्लिक्स को इसे बढ़ावा देने के लिए शर्म आनी चाहिए।”
ट्विटर पर भारतीयों का गुस्सा ‘द स्पेक्टेटर’ और रॉबर्ट टॉम्ब्स के खिलाफ भड़क गया है। वो उन्हें जमकर खरी खोटी सुना रहे हैं। एक यूजर ने कहा कि ब्रिटिश शासन में क्या हुआ अगर पूरी तरह से दिखा दें फिल्म में तो तुम शर्म से गड़ जाओंगे।