नई दिल्ली: जम्मू शहर में विस्थापित कश्मीरी पंडितों की दुकानों पर बुलडोजर चला है। जम्मू विकास प्राधिकरण (JDA) ने यह कार्रवाई की है। जेडीए ने 10 दुकानें को बिना नोटिस जारी किए गिरा दी। इससे आक्रोशित दुकानदारों ने विरोध-प्रदर्शन किया। इन लोगों ने संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं, भाजपा ने कहा कि राज्य सरकार इनसे बदला ले रही है। चुनाव में मतदान नहीं करने से यह सरकार आक्रोशित है।
3 दशक पहले बनाई गईं दुकानों पर चला बुलडोजर
अधिकारियों का कहना है कि बुधवार को विस्थापित कश्मीरी पंडितों द्वारा मुथी कैंप के पास तीन दशक पहले बनाई गईं दुकानों को ध्वस्त किया गया। पुरानी दुकानें जम्मू विकास प्राधिकरण (जेडीए) की जमीन पर बनी थीं। रिलीफ कमिश्नर अरविंद करवानी ने स्थिति का जायजा लिया। इसके साथ ही प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया कि इलाके में उनके लिए नई दुकानें बनाई जाएंगी। राहत संगठन ने मुथी कैंप फेज-2 में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने को टेंडर जारी किए हैं। जल्द 10 दुकानें बनवाई जाएंगी। इसके बाद पीड़ित दुकानदारों को आवंटित की जाएंगी।
कार्रवाई की निंदा
इस कार्रवाई पर राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया दी है। भाजपा, पीडीपी और अपनी पार्टी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों और कश्मीर पंडित संगठनों ने कार्रवाई की निंदा की। इन्होंने विस्थापित समुदाय के लिए नई दुकानों के निर्माण का आह्वान किया, जिससे उन्हें आजीविका बनाए रखने में मदद मिले।
सरकार ने छीन ली रोजी-रोटी
पीड़ित दुकानदार मालिक कुलदीप किसरू ने कहा कि हमें बेहतर सुविधाएं एवं वित्तीय सहायता मुहैया करने की बजाय सरकार ने हमारी दुकानों को बुलडोजर से गिरा दिया। इससे हमारी रोजी-रोटी खत्म हो गई है। दुकानदार जाव लाल भट ने कहा, हम परिवार का भरण-पोषण कैसे करें? हमारी मांग है कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री मामले में हस्तक्षेप कर हमें न्याय दिलाएं। दुकानदार जवाहर लाल ने कार्रवाई को “सरासर गुंडागर्दी” बताई। उन्होंने कहा कि हमें पहले नोटिस नहीं दिया गया।