नई दिल्ली l पांच साल पहले भारत की ओर से महिला जिम्नास्ट दीपा करमाकर ने रियो ओलिंपिक के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया था। खेलों के महाकुंभ में दीपा ने अपने शानदार प्रदर्शन से दिखाया कि भारतीय लड़किया भी जिम्नास्टिक में बेहतर कर सकती हैं।
दीपा तोक्यो ओलिंपिक में तो नहीं जा रही हैं लेकिन प्रणति नायक दीपा की विरासत को आगे बढ़ाने को तैयार हैं। प्रणति बंगाल के मिदनापुर जिले की पिंगला की रहने वाली हैं। प्रणति यह बात अच्छी तरह जानती हैं कि दीपा ने वॉल्ट में जो मुकाम हासिल किया है वह तोक्यो ओलिंपिक में उसके करीब पहुंचना चाहेंगी। प्रणति के पिता बस ड्राइवर हैं।
साई ईस्टर्न सेंटर में ट्रेनिंग कर रहीं प्रणति ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ‘ मैं अगर अपना पर्सनल बेस्ट देने में सफल हुई तो इससे मुझे खुशी होगी। महामारी की वजह से पिछले एक साल से अधिक समय से मैं अपने घर पर हूं। मैंने दो महीने पहले दोबारा अपनी ट्रेनिंग शुरू की है। मैं तोक्यो में अपना बेस्ट प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी।’
प्रणति का कहना है कि कोरोनाकाल के दौरान स्थिति सभी एथलीटों के लिए समान नहीं थी। बकौल प्रणति, ‘ मैंने अन्य जिमनास्ट की तैयारियों को गौर से देख रही हूं। वे लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं, यहां तक की लॉकडाउन में भी।’
तोक्यो जाने वाली एकमात्र भारतीय जिमनास्ट हैं प्रणति
प्रणति मौजूदा ओलिंपिक में भाग लेने वाली एकमात्र भारतीय जिम्नास्ट हैं और वह दीपा के बाद ओलिंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली दूसरी भारतीय महिला जिम्नास्ट हैं। प्रणति के मुताबिक, ‘मैंने घर पर रहते हुए इस बड़े टूर्नामेंट के लिए खुद को तैयार किया।
साई सेंटर में ट्रेनिंग के लिए खास इंतजाम
साई ईस्टर्न इंडिया के निदेशक ने कहा, ‘ हमने अपने सेंटर में प्रणति की ट्रेनिंग के लिए विशेष इंतजाम किया है। हमारी सेंटर से तोक्यो जाने वाली प्रणति एकमात्र एथलीट हैं। हमने उनके लिए बायो बबल में रहते हुए प्रतियोगिताओं का इंतजाम किया। इस दौरान उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल के सभी नियमों का पालन किया।
खबर इनपुट एजेंसी से