देहरादून : वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच उत्तराखंड में कांग्रेस के ‘हाथ’ बड़े नेताओं से फिलहाल खाली दिख रहे हैं। पार्टी राज्य की पांचों सीटों पर जीत का खम तो ठोक रही, लेकिन सत्ताधारी भाजपा के आगे तैयारियां कमतर नजर आ रही हैं।
फिलहाल प्रदेश में बड़े नेताओं की कमी दिखाई दे रही है, वहीं भाजपा में एक के बाद एक बड़े नेता उत्तराखंड का दौरा कर अपनी पकड़ को मजबूत बना रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा मोर्चा संभाले नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड में भाजपा के एक के बाद एक बड़े नेताओं का आगमन राज्य की सियासत को गरमा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे ने भाजपाइयों में बूस्टर डोज देने का काम किया है। इन दिग्गज नेताओं की मौजूदगी संकेत दे रही कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में पूरी गंभीरता के साथ जुट गया है। वहीं, कांग्रेस के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी खुद कांग्रेसियों को खल रही है।
वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरिद्वार तक सीमित
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार तक सीमित दिखाई दे रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव में अपने राजनीतिक जीवन का बड़ा और संभवतया आखिरी दांव वह हरिद्वार से खेलना चाहते हैं, इसलिए वह हरिद्वार से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रीतम को एआईसीसी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में वरिष्ठ पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी है।
वह छत्तीसगढ़ में दो चरणों में होने वाले चुनाव में वहां 17 नवंबर तक व्यस्त रहेंगे। इतना ही नहीं केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) का सदस्य होने के नाते वह चार अन्य राज्यों मिजोरम, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के चुनाव में भी व्यस्त रहेंगे। साफ है कि उत्तराखंड में वह दिसंबर के बाद ही सक्रिय हो पाएंगे।
पार्टी के तीसरे बड़े नेता व पूर्व पीसीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल को भी इस बार एआईसीसी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में जगह मिली है। इसके अलावा राजस्थान में चुनाव स्क्रीनिंग कमेटी में बतौर सदस्य उन्हें शामिल किया गया है। ऐसे में पांच राज्यों के चुनाव में गोदियाल भी लंबे समय तक व्यस्त रहने वाले हैं, जबकि उन्हें पौड़ी लोस सीट से मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है।
वहीं, हरक सिंह रावत पिछले कुछ समय तक हरिद्वार में खासे सक्रिय दिखाई दिए, लेकिन जब से पाखरो टाइगर सफारी मामले में सीबीआई जांच शुरू हुई है, उनके तेवर में ढीले पड़ते नजर आ रहे हैं। राज्य में इस समय अध्यक्ष माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ही मोर्चे पर डटे हैं। माहरा लगातार गढ़वाल कुमाऊं में कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रहे, जिससे पार्टी की गतिविधियां कुछ हद तक सुचारू नजर आ रही हैं।