नेशनल फ्रंटियर, बांधवगढ़। एक ओर वन्य जीवों और वन को सुरक्षित रखने के लिए करोड़ों का बजट खपाया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर बीटीआर में वन्यजीवों की मौत हो रही है। ‘सेव टाइगर’ की थीम प्रबंधन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। बाघों को लेकर टाइगर रिजर्व से एक बुरी ख़बर प्रकाश में आई है, जहां एक तक़रीबन तीन माह का शावक मृत अवस्था में पाया गया।बीटीआर के पनपथा (बफर) क्षेत्र अंतर्गत बिरुहली बीट के कक्ष क्रमांक 406 जुट्टा तालाब के समीप सांदिग्ध परिस्थिति में शावक का शव मिला। नर बाघ शावक की उम्र लगभग तीन माह बताई जा रही है। पनपथा बफर परिक्षेत्र के परिक्षेत्र अधिकारी एस एस श्रीवास्तव ने मीडियाकर्मियों से बताया कि दूसरे बाघ के हमले में शावक की मौत हुई है। हालांकि जानकारी लगते ही विभागीय अमला द्वारा डॉग स्क्वायड से आस-पास पूरे क्षेत्र की सर्चिंग करवाई गई। साथ ही अन्य शावकों को बचाने के लिए वन विभाग अब हाथियों से सर्चिंग का दावा कर रहा है, यदि समय रहते यह कार्य पहले किया गया होता, तो शायद यह शावक भी अटखेलियां कर रहा होता।