नोएडा : प्राधिकरण का फर्जी अकाउंट अधिकारी बनकर जालसाज ने नोएडा प्राधिकरण के खाते में सेंधमारी कर 3.90 करोड़ रुपये निकाल लिए। जब जालसाज नौ करोड़ रुपये और निकाल रहा था तब इस फर्जीवाड़ा का पता चला। नोएडा प्राधिकरण ने बैंक ऑफ इंडिया में 200 करोड़ रुपये एफडी के लिए जमा कराए थे, लेकिन एफडी तो हुई नहीं और खाते से रकम निकल गई। प्राधिकरण की ओर कोतवाली सेक्टर-58 में मुकदमा दर्ज कराया गया है। वहीं, इस मामले में जांच के लिए प्राधिकरण के एसीईओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है।
प्राधिकरण की तरफ से 23 जून को सेक्टर-62 स्थित बैंक ऑफ इंडिया में 200 करोड़ रुपये एफडी के लिए जमा कराए गए थे। इसके लिए सभी कागजात भी दिए गए थे, लेकिन बैंक ने एफडी नहीं की। इस दौरान पुडुचेरी निवासी जालसाज अब्दुल खादर ने खुद को नोएडा प्राधिकरण का अकाउंट अफसर बताकर 3.90 करोड़ रुपये तीन खातों में ट्रांसफर करा लिए। जब वह दोबारा नौ करोड़ रुपये ट्रांसफर कर रहा था तब बैंक ने प्राधिकरण से जानकारी ली। प्राधिकरण की ओर से किसी तरह की निकासी से इनकार पर ठगी का पता चला। मामले में प्राधिकरण के वित्त एवं लेखाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कोतवाली सेक्टर-58 में बैंक व अन्य जालसाजों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस की टीमें मामले की जांच के साथ कई स्थानों पर दबिश भी दे रही हैं।
30 जून को ट्रांसफर कराई रकम
पुलिस की जांच में अब तक यह पता चला है कि प्राधिकरण के 200 करोड़ रुपये जमा कराने के बाद ठगों का एक गिरोह सक्रिय हो गया। अब तक मास्टरमाइंड अब्दुल खादर के बारे में पता चला है। अब्दुल प्राधिकरण का फर्जी अकाउंट अधिकारी बनकर बैंक आने-जाने लगा और उसने फर्जी आईकार्ड और दस्तावेज भी बनाए। बताया जाता है कि अब्दुल ने यहां तीन बैंक खाते खुलवाए फिर बैंक में जाकर इन खातों में रकम ट्रांसफर करवाई। यह रकम 30 जून को ट्रांसफर करवाई गई। इसके बाद वह फिर नौ करोड़ रुपये और ट्रांसफर करवाने के लिए बैंक गया और क्रॉस चेक के दौरान धोखाधड़ी का पता चल गया।
नोएडा से पुडुचेरी तक पुलिस की जांच
इस हाई प्रोफाइल मामले की जांच में लगी पुलिस अब्दुल की तलाश में जुट गई है। पुलिस को आरोपी के कुछ काजगात, फोटो और आईकार्ड मिले हैं। इस आधार पर नोएडा से लेकर पुडुचेरी तक छानबीन चल रही है। खादर की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में कई खुलासे हो सकते हैं। इसमें बैंक अधिकारियों से लेकर प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत की भी जांच की जा रही है।
एसीईओ के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित
मामले में प्राधिकरण की तरफ से जांच कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी 15 दिन में रिपोर्ट देगी। प्राधिकरण के एसीईओ की अध्यक्षता में बनी कमेटी में अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रभाष कुमार और मुख्य विधि सलाहकार रवींद्र प्रसाद गुप्ता को शामिल किया गया है।