नई दिल्ली। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी मामले में दोषी करार दिया गया है. इस तरह डोनाल्ड ट्रंप पहले पूर्व या वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं जिन्हें किसी अपराध में दोषी पाया गया है. मैनहट्टन कोर्ट द्वारा 34 मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद ट्रंप ने कहा है कि वह कई स्तर पर इसके खिलाफ अपील करेंगे.
रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के लिए संभावित उम्मीदवार ट्रंप ने इसे स्कैम बताया है. ट्रंप मतदाताओं से कोर्ट के फैसले को नजरअंदाज करने के लिए कह रहे हैं. हालांकि, ट्रंप भले ही अपने मतदाताओं को अपनी सजा को नजरअंदाज करने के लिए मना सकें. लेकिन क्या अपीलीय अदालतें में इसका असर पड़ेगा?
आइए एक नजर डालते हैं कि ट्रंप कोर्ट के इस फैसले को पलट सकते हैं या नहीं. क्या डोनाल्ड ट्रंप को दोषी करार देने वाले ‘ऐतिहासिक फैसले’ से व्हाइट हाउस में वापसी की उनकी संभावनाओं पर असर पड़ेगा?
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप शायद ही कोर्ट के इस फैसले को पलट पाएंगे. इस मामले की सुनवाई में कई साल लग सकते हैं. साथ ही आगामी नवंबर में जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होगी उस वक्त भी ट्रंप एक अपराधी ही रहेंगे. पिछले पांच साल से जारी जांच और सात सप्ताह की सुनवाई के बाद ट्रंप को दोषी करार दिया गया है.
कानूनी विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि ट्रंप के केस में सर्वोच्च न्यायाल हस्तक्षेप करेगा इसकी संभावना बहुत कम है. ट्रंप न्यूयॉर्क की अदालत में दोषसिद्धि के खिलाफ अपील कर सकते हैं. हालांकि, जिस तरह का ट्रंप दावा कर रहे हैं उस तरह की संभावना बहुत कम है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जिस जज ने केस का फैसला सुनाने में अहम भूमिका निभाई है उसने अभियोजन पक्ष यानी ट्रंप के कुछ सबसे अनिश्चित तर्कों और सबूतों को कार्रवाई से हटा दिया है.
जज के फैसले पर जमत संग्रह बाकी
जस्टिस जुआन मर्चेन ने राजनीतिक और कानूनी क्षेत्रों के माध्यम से इस मुकदमे को आगे बढ़ाया है. मर्चेन के इस फैसले पर जनमत संग्रह होगी. ट्रंप ने मर्चेन और उनके परिवार के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया है जो ट्रंप के खिलाफ जा सकता है. हालांकि, मर्चेन ने कहा है कि वह ट्रंप के अधिकारों से वाकिफ थे जिसमें राजनीतिक हमलों के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार भी शामिल था.
ट्रंप की अपील की सुनवाई मार्क जाउडरर करेंगे. जाउडरर का कहना है कि मर्चेन ने उन चीजों को नजरअंदाज किया है जिससे कोई भी केस खराब हो जाता है. इस सजा को पलटने के लिए फौरी तौर पर कुछ नहीं दिख रहा है. ट्रंप के खिलाफ जजों का आचरण बिल्कुल निष्पक्ष था.