नैनीताल : वन दरोगा की भर्ती परीक्षा दोबारा कराए जाने के निर्णय के खिलाफ परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के बाद यूकेएसएसएससी से दोबारा परीक्षा कराए जाने का कारण पूछा और सभी सबूतों के साथ जवाब पेश करने के लिए कहा है।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन मार्च की तिथि नियत की है। इस भर्ती परीक्षा में 316 अभ्यर्थियों ने शारीरिक परीक्षा पास की है। न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। 2019 में यूकेएसएसएससी ने वन दरोगा की भर्ती परीक्षा कराई थी।
आयोग ने 30 दिसंबर को विज्ञप्ति जारी कर चुने गए अभ्यर्थियों को अपने दस्तावेज सत्यापन कराने के लिए बुलाना शुरू कर दिया था लेकिन एसटीएफ जांच में पता चला था कि वन दरोगा भर्ती में भी नकल हुई थी। इसके बाद आयोग ने भर्ती परीक्षा में घपला व नकल की आशंका देखते हुए परीक्षा दोबारा कराने का निर्णय लिया।
इस परीक्षा को पास करने वाले अभ्यर्थियों ने विरोध करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। अधिवक्ता रजनी कुरियाल ने बताया कि अभ्यर्थियों का कहना है कि बिना किसी ठोस कारण के दोबारा परीक्षा करवाना ठीक नहीं है। आखिर इतनी बड़ी संस्था से करवाया गया पेपर कैसे लीक हो सकता है।
51,961 अभ्यर्थियों ने दी थी लिखित परीक्षा
बता दें कि उत्तराखंड वन दरोगा भर्ती के लिखित परीक्षा 51,961 उम्मीदवारों ने दी थी। परीक्षा के लिए 83776 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 18 दिसंबर 2019 को विज्ञापन जारी किया था। 16 से 21 जुलाई 2021 तक ऑनलाइन परीक्षा कराई गई। आठ जनवरी 2022 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट लिया गया। जिसमे 316 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए थे।