नई दिल्ली: आईटी दिग्गज कॉग्निजेंट की सहायक कंपनी ट्राइजेटो ने अमेरिका की एक अदालत में इंफोसिस के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. इसमें इन्फोसिस पर हेल्थकेयर इंश्योरेंस सॉफ्टवेयर से संबंधित बिजनेस सीक्रेट और जानकारी चुराने का आरोप लगाया गया है. इन्फोसिस ने एक बयान में सभी आरोपों से इनकार किया है. कंपनी ने कहा कि उसे मुकदमे की जानकारी है और वह अदालत में अपना पक्ष रखेगी.
कॉग्निजेंट ने टेक्सस की अदालत में दायर मुकदमे में इंफोसिस पर ट्राइजेटो के सॉफ्टवेयर – फेसेट्स और क्यूएनएक्सटी – से अवैध रूप से डेटा एक्सेस करने और प्रतिस्पर्धी उत्पाद विकसित करने और उसका विपणन करने का आरोप लगाया है. कॉग्निजेंट की पेशकशों में ट्राइजेटो के फेसेट्स और क्यूएनएक्सटी शामिल हैं, जिनका उपयोग हेल्थकेयर इंश्योरेंस कंपनियां अपने कार्यों के ऑटोमेशन के लिए करती हैं.
न्यू जर्सी के टीनेक स्थित कॉग्निजेंट के अधिकांश कर्मचारी भारत में हैं. कॉग्निजेंट ने कथित तौर पर आरोप लगाया है कि इंफोसिस ने “टेस्ट केस फॉर फेसेट्स” बनाने के लिए ट्राइजेटो के सॉफ्टवेयर का दुरुपयोग किया, जिसने इसके डाटा को इंफोसिस के प्रोडक्ट में रीपैकेज कर दिया. इसके अलावा, इसने कथित तौर पर आरोप लगाया है कि इंफोसिस ने QNXT से डेटा निकालने के लिए सॉफ्टवेयर बनाया, जिसमें गोपनीय ट्राइजेटो जानकारी थी.
यह ध्यान देना होगा कि इस सप्ताह ही कॉग्निजेंट ने पूर्व इंफोसिस कार्यकारी राजेश वारियर को ऑपरेशंस का ग्लोबल हेड और भारत का प्रेसिडेंट व एमडी नियुक्त किया था. उनसे पहले यह प्रभार राजेश नांबियार के पास था. वह अब नैसकॉम के प्रेसिडेंट का पद संभालने वाले हैं. इसके अलावा, कॉग्निजेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि कुमार एस भी इंफोसिस के अनुभवी हैं, जो बेंगलुरु स्थित फर्म में अपने 20 साल के करियर में जनवरी 2016 से अक्टूबर 2022 तक अध्यक्ष के रूप में विभिन्न लीडरशिप भूमिकाओं में रहे थे.