देहरादून: यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में अधिकारियों की भूमिका पहले ही संदेह के घेरे में थी। अब इस मामले में सबसे बड़ी खबर ये है कि विजिलेंस ने आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी और पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी समेत 3 अन्य अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। विजिलेंस इन अधिकारियों की संपत्ति की भी जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो पांचों अधिकारियों के विरुद्ध जल्द मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
एक और बड़ी बात बता दें कि एसटीएफ पांचों के विरुद्ध काफी साक्ष्य जुटा चुकी है। उधर मामले में लगातार सीबीआई जांच की मांग हो रही है। इस मामले में सीएम धामी आश्वासन दे चुके हैं कि जरूरत पड़ने पर सीबीआई को भी जांच सौंपी जा सकती है। पर लीक मामले की जांच सीबीआई से कराने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की एजेंसी (एसटीएफ) जांच कर रही है, यदि कोई कमी मिलती है तो अन्य विकल्प खुले हैं। आगे जानिए उन अफसरों के नाम, जिन पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
इससे पहले एसटीएफ ने जब पेपर लीक करने के आरोप में प्रिंटिंग प्रेस RMS के मालिक राजेश चौहान को गिरफ्तार किया तो उससे पूछताछ के दौरान काफी साक्ष्य जुटा लिए थे। इसके बाद एसटीएफ ने पांचों अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के लिए शासन से अनुमति मांगी थी। शासन ने मुकदमा दर्ज करने की अनुमति न देकर उनकी जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। अब विजिलेंस जाच शुरू हो गई है और सभी पर मुकदमा दर्ज हो सकता है।
भर्ती घोटाला सामने आने के बाद यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष व पूर्व आइएएस एस राजू ने पद से इस्तीफा दे दिया था। उधर शासन ने सचिव संतोष बडोनी को पद से हटाने के बाद उन्हें निलंबित कर चुका है। इसके अलावा परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी उक्त परीक्षा आयोजित होने के कुछ समय बाद सेवानिवृत्त हो गए थे। इन्हीं अधिकारियों के कार्यकाल के दौरान आयोग के अंदर से सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक UKSSSC पेपर लीक हुआ है।