भोपाल। राजधानी में शनिवार को एमपी बोर्ड की 12वीं कक्षा का रसायन विज्ञान का प्रश्न पत्र इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो गया। जब इसकी जानकारी माध्यमिक शिक्षा मंडल और प्रशासन को लगी तो तत्काल यह पता लगाना शुरू कर दिया कि आखिर किस स्कूल से उक्त प्रश्न पत्र प्रसारित किया गया है।
दरअसल, पेपर पर एक कोड दर्ज होता है। उसी के जरिए टीम पता करते हुए छोला क्षेत्र में स्थित विद्यासागर स्कूल पहुंची और वहां जांच-पड़ताल शुरू की। इस दौरान पता चला कि परीक्षा से पहले मोबाइल फोन बाहर नहीं रखवाए गए थे, साथ ही अन्य अनियमितता बरती जा रहीं थीं। कलेक्टर अविनाश लवानिया के निर्देश पर उक्त स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे रसायन विज्ञान के पेपर का कोड के जरिए पता किया गया, जो कि भानपुर छोला स्थित विद्या सागर स्कूल में भेजा गया था। जहां टीम ने जांच की तो पता चला कि प्रसारित फोटो उक्त स्कूल से ही खींचे गए हैं। साथ ही यह भी देखने को मिला कि प्रश्न पत्र शुरू होने से पहले मोबाइल बाहर बाक्स में नहीं रखवाए गए थे। इससे वहां मौजूद दो शिक्षक पवन सिंह और विश्वनाथ के मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। जिससे यह पता चला कि उक्त प्रश्न पत्र 8.40 बजे प्रसारित किया गया है, जबकि सभी बच्चे परीक्षा देने 8.30 बजे स्कूल पहुंच गए थे। पुलिस द्वारा आरोपित शिक्षकों को गिरफ्तार कर एफआइआर दर्ज की गई है। साथ ही स्कूल के केंद्राध्यक्ष और सहायक केंद्राध्यक्ष को भी आरोपित बनाया है।
अपने विद्यार्थी को बढ़त दिलाने के उद्देश्य से किया प्रसारित
प्रशासन और एमपी बोर्ड की टीम को जांच में यह भी पता चला है कि जिन शिक्षकों द्वारा प्रश्न पत्र प्रसारित किया गया, वह प्राइवेट कोचिंग व घर पर भी विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। अपने विद्यार्थियों को परीक्षा में ज्यादा अंक से पास कराने के उद्देश्य से उन्होंने रसायन विज्ञान का पेपर इंटरनेट मीडिया में प्रसारित किया है। इस पूरे मामले की जांच अब छोला थाना पुलिस द्वारा की जा रही है।
प्रश्न पत्र लीक करना आसान नहीं हैं। दरअसल जो प्रश्न पत्र भेजे जाते हैं, उन पर कोड अंकित होता है, जो कि एक नजर में दिखाई नहीं देता है। इसी कोड से बोर्ड व प्रशासन की टीम ने स्कूल का पता कर कार्रवाई की है। संभवत: शिक्षकों द्वारा अपने विद्यार्थियों को बढ़त दिलाने के उद्देश्य से यह किया गया होगा। वहीं स्कूल में शासन के परीक्षा संबंधी निर्देशों का पालन नहीं कराया जा रहा था। इससे सख्त कार्रवाई कराई गई है और आगे भी यदि ऐसा होता है तो कठोर कार्रवाई करेंगे।