देहरादून : वर्ष 2016 की सियासी उथल-पुथल के दौरान हुए दो चर्चित स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े नेताओं को सीबीआई कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद सियासत में उबाल आ गया है। इस मामले में तब सीबीआई जांच की मांग उठाने वाले हरक सिंह रावत का अब कहना है कि दोनों स्टिंग उन्हें धोखे में रखकर किए गए थे। वैसे भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से लेकर जनता की अदालत तक का फैसला आ चुका है, ऐसे में वो केस वापस लेने पर विचार कर रहे हैं।
हरक सिंह ने इस प्रकरण पर शुक्रवार को मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि आठ वर्ष पहले हुए इस स्टिंग के बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने पर तत्कालीन सरकार बहाल हो गई थी । इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जनता भी इस घटनाक्रम पर फैसला सुना चुकी है, ऐसे में अब इस केस का कोई महत्व नहीं रह गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी उन्हें वकीलों ने राय दी थी कि वो चाहें तो केस को वापस ले सकते हैं। अब इस केस को चलाना, गढ़े मुर्दे उखाड़ने जैसा ही होगा।
जानकारी के बगैर स्टिंग हरक सिंह ने तब का घटनाक्रम बयां करते हुए कहा कि स्टिंग करने वाले ने कई बार उनकी बात तत्कालीन सीएम हरीश रावत से कराई, लेकिन उन्हें पता नहीं था कि इसे रिकॉर्ड किया जा रहा है। स्टिंग करने वाले ने उनके लिए राज्यसभा की सीट रिजर्व रखने की बात कहते हुए कहा था कि काम हो गया है, पर वो तब भी इसका मतलब नहीं समझ पाए। उन्हें दिल्ली प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान ही इसकी जानकारी मिली।
आगे और खुलासे: हरक ने कहा कि विधायक मदन बिष्ट का स्टिंग भी उनकी जानकारी के बगैर हुआ। हालांकि तब उन्होंने स्टिंग करने वाले से चिप अपने पास रखवा ली थी। पर बाद में यह स्टिंग बाहर आ गया। हरक ने इस संबंध में विवरण देने से इनकार करते हुए कहा कि सारे खुलासे एक ही दिन ठीक नहीं है।
सीबीआई जांच बढ़ेगी तो कुहासा ही दूर होगाहरीश
स्टिंग प्रकरण पर हरक सिंह के नरम रुख के विपरीत पूर्व सीएम हरीश रावत इस मामले में कार्रवाई जारी रखने के पक्ष में हैं। उनका कहना है कि अब सीबीआई जांच जितनी आगे बढ़ेगी, कुहासा उतना ही साफ होगा। उन्होंने शुक्रवार को ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि वो कोर्ट की प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे। पूर्व सीएम ने कहा कि स्टिंग मामले में सीबीआई के पास उनके खिलाफ कुछ भी नहीं है। इसके चलते केस के निर्णय के बाद कांग्रेस को फायदा ही होगा।